5 Best Travel Movies of all time by ekarwaan : कहते है की ट्रैवेलिंग करने से आपको नयी नयी दुनिया, नये नये कल्चर, नयी नयी जगह और नये नये लोगो का ज्ञान मिलता है. ट्रैवेलिंग तो सही है मगर ट्रैवेलिंग करना सबके बस की और सब के बजट की बात नहीं है. कोई घूमना चाहता है मगर पैसा नहीं है. कोई पहाड़ देखना चाहता है मगर गाडी मे बैठकर चक्कर आते है. कोई दुनिया देखना चाहता है मगर मजबूर है अपनी पैसो की तंगी के सामने. और जिसके पास ये सब कुछ है उसके पापा नहीं मान रहे.
साला कुछ लोंडो का तो गोवा जाने का सपना सपना ही रह गया. इतना आसान कहाँ होता है सब कुछ पा लेना मेरे दोस्त किसी के घर पर कंघी है पर सर पर बाल नहीं.
मगर दोस्तों सिनेमा वो सोर्स है जिससे हम बहुत कुछ सीखते है चाहे वो अच्छा हो या बुरा, बहुत कुछ देखते है अच्छा या बुरा. हम घर बैठे किसी भी फ़िल्म या वेबसीरीज के माध्यम से वो कल्चर, वो बात जान सकते है जो वो फ़िल्म या सीरीज हमें बता रही होती है. वो फ़िल्म या सीरीज जिस देश मे बनी होंगी, जिस देश पर, जिस कल्चर पर आधारित होती है वो हमें उस फ़िल्म या सीरीज के माध्यम से जानने को मिलता है.
तो क्या हुआ आपके पास बजट नहीं है. तो क्या हुआ आपके पापा नहीं मान रहे. आप घर बैठे देश दुनियां की सेर पूरी नहीं मगर कुछ हद तक तो कर सकते है. और सिनेमा की विधा मे कैसे कहानी के माध्यम से अक्सर हमें नए नए कल्चर से रूबरू करवाया जाता है. वो भी एक खूबसूरती खासियत है सिनेमा की.
तो दोस्तों आज मैं आपके लिए लाया हूँ दुनिया की वो टॉप 5 ट्रैवेलिंग मूवीज जो आपको अलग अलग जगहों की सेर करवाएगी. ये फ़िल्में देखकर आपको खूबसूरत एहसास होगा. खूबसूरती संगीत, दिल छू लेने वाले दर्शय आपको इन फिल्मों से प्यार करवा देंगे.
5 Best Travel Movies of all time by ekarwaan
1. Highway (2014)
इम्तिआज अली अपनी फिल्मों की कहानी को एक देश से दूसरे देश ले जाते है. उनकी फिल्मों मे किरदार सड़को पर, हाईवे पर, रास्तो पर पाए जाते है. इसी प्रकार की उनकी फ़िल्म हाईवे भी है. जिसमे वीरा ( आलिया भट ) को महाबीर भाटी ( रणदीप हूडा ) और उसके साथी किडनैप कर लेते है. पुलिस की नजरो से बचाकर वो भारत के एक शहर से दूसरे शहर छुपते छुपाते वीरा को घुमाते रहते है. शुरुआत मे वीरा परेशान रहती है. मगर धीरे धीरे उसे इस तरह घूमक्कड़ रहना, ट्रक मे बैठकर एक शहर से दुसरे शहर जाना अच्छा लगने लगता है. महाबीर भाटी भाने लगता है. और दर्शकों को इस फ़िल्म से प्यार होने लगता है.
इस फ़िल्म की कहानी भारत के अलग अलग राज्यों, शहरों को जोड़ने वाले हाईवेस पर घूमती रहती है. कभी पंजाब के खेत दिखाती है, कभी राजस्थान की रेत दिखाती है, अलग अलग परिवेश, शहर दिखाती है. साथ ही ए आर रेहमान का जादू इस सफर को और खूबसूरत बना देता है.
2. Zindagi Na Milegi Dobara ( 2012 )
तो क्या हुआ आप स्पेन नहीं जा सकते. एक दुसरे को टमाटर से मारने वाला गेम नहीं खेल सकते. तो क्या हुआ आप आसमान मे उड़ते प्लेन से नहीं खुद सकते. साथ ही क्या हुआ अगर आप समुन्द्र मे गोते नहीं लगा सकते. मगर आप ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा फ़िल्म तो देखो ही सकते है. ज़िन्दगी ना मिलेगी न दोबारा फिल्म रिलीज़ हुई थी साल 2012 में. इसकी कहानी है तीन दोस्तों के बारे में. जो अपने अपने जीवन में व्यस्त है. फिर एक दिन कबीर ( अभय देओल ) अपनी बेचलर पार्टी के लिए उसके दो ख़ास दोस्त इमरान ( फरहान अख्तर ) और अर्जुन ( ऋतिक रोशन ) को अपने साथ स्पेन की ट्रिप पर ले जाता है.
जहाँ ये तीनो दोस्त अपने अपने डर को अलग अलग टास्क करके दूर करते है. साथ ही इन तीनो दोस्तों का जीवन इस ट्रिप पर जाकर बदल जाता है. उनकी दोस्ती में पड़ गयी दरार दूर हो जाती है.
ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा हमें स्पेन के कल्चर से रूबरू करवाती है. वहां की बुल रेस, टोमाटीना फेस्टिवल के बारे में हमें दिखाती है. साथ ही स्पेन की खुबसूरत लोकेशन हमें दिखाती है. जिसमे जावेद अख्तर साहब के द्वारा लिखी और फरहान अख्तर द्वारा बोली बेहतरीन कविताएँ इस फिल्म को और ख़ास बना देती है. यह फिल्म बताती है कैसे ट्रेवलिंग हमारी सोच को खोलती है. कैसे ट्रेवलिंग हमें हमारी ज़िन्दगी के प्रति अलग नजरिया पेश करती है.
03. in to the wild ( 2007 )
यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है. क्रिस मेककैंडलस नाम का एक व्यक्ति जो अपनी सारी सम्पति, अपने शहर को छोड़कर अलास्का के जंगल में चला गया था. और जब तक जिंदा रहा वही रहा. क्रिस के जीवन की यह घटना को जानकर जॉन नाम के लेखक ने इन टू द वाइल्ड नाम की एक किताब लिखी. जो दुनिया भर में खूब प्रचलित हुई. और फिर इस किताब को फिल्म के रूप में साल 2007 में सीन पेन ने बनाया. सीन पेन हॉलीवुड के मशहूर कलाकारों में से एक है.
यह फिल्म लोगो द्वारा इसलिए पसंद की गयी क्योकि एक तो यह सच्ची घटना पर आधारित फिल्म थी. जहाँ लोग अपनी दौलत, अपनी गाडी, अपने घर को सीने से चिपकाए रखते है. वहीँ यह फिल्म हमें जीवन जीने का अलग और खुबसूरत नजरिया पेश करती है. यह दौलत, ये गाडी, यह घर, यह पैसा सब एक दिन यही छोड़कर चले जाओगे. तुम जो खुद को इतना सीरियस लेते हो. क्यों लेते हो भाई ?
खुबसूरत अलास्का के पहाड़ो में बनी यह फिल्म आपको जरुर ही देखनी चाहिए. फिल्म तीन घंटे लम्बी है. मगर एक बेहतरीन फिल्म है. जो आपको प्रेरणा देगी ट्रेवलिंग की.
04. The secret life of walter mitty ( 2013 )
इस फिल्म को कई दर्शको और क्रिटिक्स ने सराहा. वहीँ दूसरी ओर कई क्रिटिक्स ने इसकी नकारात्मक समीक्षा भी की. क्यों ? क्योकि इसकी कहानी जबरदस्ती आपको ट्रेवल की दूनिया में शामिल होने का ख्वाब दिखाती है. फिल्म का हीरो जो की मासूम है, डरपोक है, जिसकी जॉब छुट जाती है. फिर वो निकल पड़ता है ट्रेवलिंग पर. यह यात्रा उसके जीवन को बदल कर रख देती है. उसमे आत्मविश्वाश जगाती है.
द सीक्रेट लाइफ ऑफ़ वाल्टर मिटी में खुबसूरत पहाड़, हरे घास के सुहावने मैदान, विदेशी धरती की प्लेन सड़के जिस पर वो स्केटिंग करता है, जैसे कई दर्शय देखने को मिलते है जो आपको ऐसी जगह ले जाते है जहाँ शायद आप अपने जीवन में कभी ना जा पाओ. मैं कहता हूँ दोस्तों जाओ जाकर देखो यह फिल्म. मजा आ जाएगा.
05. queen ( 2013 )
रानी नाम की एक दिल्ली की लड़की. जिसकी शादी टूट जाती है. पति के साथ हनीमून पर जाने का सपना टूट जाता है. मगर फिर हिम्मत रखकर रानी अकेले ही हनीमून पर जाती है. दिल्ली की एक ऐसी लड़की जो भोली सी है. जिसने दुनिया ठीक से देखी भी नहीं. जो बाजार जाती है तो अपने छोटे भाई को लेकर जाती है. वो रानी अकेले हनीमून पर निकल पड़ती है. वो भी यूरोपीय देशों में.
मगर जैसे जैसे फिल्म आगे बढती है रानी को खुद में एक नई रानी मिलती है. जो कई सालो से छुपी हुई थी. यह ट्रिप उसके जीवन में परिवर्तन ला देता है. इस फिल्म की खासियत है इस फिल्म की कहानी. क्योकि यह कहानी रानी की ना होकर उन सभी दर्शको की कहानी बन जाती है जो सोचते है की दूसरे देश में कैसे रहा जा सकता है. कैसे अकेले जाया जा सकता है.
इस फिल्म में रानी पेरिस, एम्सटर्डम जाती है. जहाँ उसके कई लोग मिलती है. कई सारी मुश्किल परिस्थितियां उसके सामने आती है. इन सभी मुश्किलों को पार करते हुए रानी का आत्मविशवास बढ़ता है.
दोस्तों जीवन बहुत छोटा है. और मालूम नहीं कब तक है. जब तक है इसको खुलकर जियो. कोई दुःख है वो अपनों से शेयर करो. खूब घूमो, फिरो, जीवन जियो. अगर मन नहीं है तो ये फिल्में एक बार देखो.