Yodha movie review 2024 : जब तक जरुरी नहीं हो क्यों बनाते हो फार्मूला फिल्मे.

YODHA MOVIE REVIEW 2024 : योद्धा मूवी है प्लेन हाइजैक के बारे मे. जो हम पहले भी बॉलीवुड मे अजय देवगन की फ़िल्म ” ज़मीन ” और सोनम कपूर की फ़िल्म ” नीरजा ” मे देख चुके है.

Yodha Movie है एक सोल्जर के बारे मे. जो देश को हद से ज्यादा चाहता है. जो उसके आलाकमान की नहीं मानता सिर्फ खुद की करता है. ऐसी देशभक्ति वाले किरदार पिछले कुछ समय से कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहे है.  सिद्धार्थ मल्होत्रा की ही फ़िल्म ” शेरशाह ” मे हमें कुछ कुछ इस प्रकार का किरदार देखने को मिला था. जो देश के लिए जान देने को तैयार था.

योद्धा मूवी है आतंकवादियों के नापाक इरादों को विफल करने वाले मिशन की. फिर एक बार टिपिकल आतंकवादी. फिर एक बार कश्मीर को पाने के लिए इंडिया की बर्बादी. और सबसे अजीब जब दो लोगो के बीच एक्शन चल रहा है तो एक दो हाथ पैर चलाने के बाद रुक कर डायलॉग बोलना जरुरी है क्या.

फिल्म भले ही एक एक्शन फिल्म है. मगर इसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा के किरदार की पर्सनल लाइफ पर पड़ते प्रभाव को भी दिखाया है. और जब बात हो दो लोगो में प्यार को दिखाने की तो एक अरिजीत सिंह का एक गाना लगा दो सब कवर हो जाएगा. और जब प्यार बिखरने लगे तो बी.प्राक द्वारा गाया पुराने गाने का रीमेक गाना चिपका दो. सिंपल.

तो दोस्तों योद्धा एक बेवजह की फ़िल्म है. जिसकी कमजोर कहानी होने के बावजूद इस फ़िल्म को बनाने की हिम्मत इसके क्रिएटर्स ने की इसके लिए उन्हें शाबाशी देनी होंगी.

मगर बेवकूफी की अगर शाबाशी मिलती तो जरूर देते. बेवकूफी इस वजह से की इस फ़िल्म मे साधारण से हाइजैक को जबरदस्ती कॉम्प्लिकेटेड बनाने की कोशिश की गयी है. थ्रीलर के नाम पर कोई भी किरदार अपना अलग रूप दिखाकर सस्पेंस उजागर करता है.

मुझे समझ नहीं आता की जिन लोगो ने योद्धा को एक अच्छी फ़िल्म बताया था उनको इस औसत से भी कमतर फ़िल्म मे आखिर ऐसा क्या दिखा.

योद्धा से मुझे काफी निराशा हाथ लगी. निराश इसलिए की इसके प्रोडूसर है कारण जोहर. एक्टर है सिद्धार्थ मल्होत्रा. अच्छे खासे बजट की फ़िल्म है. मगर क्या यह फ़िल्म बनाना इतना जरुरी था. थोड़ा रुक जाते. कोई और नई कहानी चुन लेते. ऐसा लगता है की फ़िल्म के मेकर्स देशभक्ति का जो देश मे तूफ़ान मचा है उसको एनकेश करवाना चाहते थे. जैसे की इस साल आई ऋतिक की फ़िल्म फाइटर ने किया. और फ्लॉप रही. जैसा की फाइटर को भी अच्छी फिल्म बताया जा रहा था. जिसके फ्लॉप का कारण भी था फार्मूला फ़िल्म होना.

तो दोस्तों आइये बात करते है योद्धा फ़िल्म के बारे मे विस्तार से की आखिर इतनी कमजोर कहानी पर कमजोर फ़िल्म बनाने से क्या तुक निकलता है. क्यों बॉलीवुड आज तक समझ नहीं पाया की एक बार जो फार्मूला हिट हो गया तो जरुरी नहीं की वो बार बार हिट हो. खासकर जब आप उसी एक्टर की पिछली से काफी ज्यादा इंस्पायर्ड हो.

Photo Credit : IMDB

Yodha movie review 2024

योद्धा मूवी एक प्लेन हाइजैक मूवी है. जिसमे दो बार प्लेन हाइजैक होता है. पहली बार सिद्धार्थ मल्होत्रा का किरदार अरुण काटयाल हाइजैक को रोक नहीं पाता और देश का बड़ा वैज्ञानिक मारा जाता है. अरुण को ससपेंड कर दिया जाता है. उसके बुरे दिन आ जाते है.

कई सालो बाद फिर से प्लेन हाइजैक होता है. इस बार सिद्धार्थ मल्होत्रा को इसे रोककर खुद का सम्मान प्राप्त करना है. मगर यह हाइजैक पिछले वाले से जटिल है. जिसका सबसे महत्वपूर्ण कारण लेक ऑफ़ कम्युनिकेशन है.

किसी भो प्लेन हाइजैक फ़िल्म मे उस प्लेन के यात्रीयों के इमोशनस का भी अहम् हिस्सा होता है. उनके इमोशंस के सहारे प्लेन हाइजैक को खौफनाक और प्रभावी बनाया जाता है. जैसा की हम नीरजा फ़िल्म मे देख चुके है. मगर इस फिल्म में मुश्किल से कोई दर्शय दिखता है जिसमे यात्रियों पर फोकस किया जाता है. माना की यह फिल्म उनके बारे में नहीं है. माना की वो इसके मुख्य पात्र नहीं है. मगर फिल्म की कहानी का अंतिम लक्ष्य है की यात्री सुरक्षित बच जाए. मगर जब तक हम उनके इमोशनस से ही रूबरू नहीं होंगे तब तक दर्शको को उनके बचने या मरने से कोई फरक नहीं पड़ेगा.

दिशा पाटनी जो की प्लेन मे एयरहोस्टेस रहती है. उनके अलावा किसी अन्य एयरहोस्टेस को ठीक से दिखाया नहीं गया. बस पूरी फ़िल्म मे कैमरा अधिकतर सिद्धार्थ मल्होत्रा के ही इर्द गिर्द रहता है. ऐसा लगता है की फ़िल्म मे जिस तरह सिड का किरदार खुद को ऊपर उठाने की कोशिश कर रहा है वैसे ही फिल्म की कहानी को भी अन्य लोगो से फरक नहीं पड़ता. वो भी सिर्फ सिद्धार्थ मल्होत्रा के किरदार से ही मतलब रखती है.

फिल्म करीब दो घंटे की है. मगर जिसमे आपको बहुत कुछ देखने को मिलता है. इतना बहुत कुछ की बहुत कुछ रह भी जाता है. फिल्म के शुरुआत में इसके हीरो का एक्शन दिखाया जाता है जिसका कहानी से कोई लेना देना नहीं होता. सिर्फ फिल्म के हीरो के किरदार का इंट्रो करना है इसलिए यह शुरूआती एक्शन सीन है.

जैसा की मैंने ऊपर भी कहा था की यह फिल्म फार्मूला रूपक फिल्म है. जिसमे पहला भाग है इसका पहला एक्शन. मुझे समझ नहीं आता की बॉलीवुड आज भी इस तरह का सिनेमा बना रहा है. हम बिना एक्शन दिखाए भी फिल्म के मुख्य किरदार को दिखा सकते है. क्यों हम फिल्म के फर्स्ट एक्ट में सब कुछ दिखा देना चाहते है.

इस फार्मूला रूपक फिल्म का दूसरा भाग है जहाँ हीरो का डाउन फॉल शुरू होता है. क्योकि वो प्लेन हाइजैक को रोक नहीं पाता. उस पर करवाई की जाती है. निशाषित कर दिया जाता है. अपनी प्रेमिका से रिश्ते बिगड़ जाते है. इस प्रेम को दिखाने के लिए अरिजीत का गाना आता है. जो की हर उस अरिजीत सिंह के गाने की तरह है जो हम पहले भी सुन चुके है. बुरे समय को दिखाने के लिए बी.प्राक का गाना आता है जो की पुराने पंजाबी गाने का रीमेक है. खूब सारे मोंटाज चलते है और कहानी को इसके तीसरे भाग तक लेकर आते है.

जिसमे कई साल बाद फिर से प्लेन हाइजैक होता है. फिर से सीड का किरदार उस हाइजैक को रोकने की कोशिश करता है. दोस्तों इस साल लापता लेडीज नाम की एक फिल्म आई है. जिसकी कहानी साधारण है. जिसे बनाया भी गया है साधारण है. मगर कई बार सिंपल चीज़े ज्यादा प्रभावी होती है. मगर योद्धा फिल्म में प्लेन हाइजैक को ज्यादा इंटरेस्टिंग रखने के लिए CONFUSING बना दिया है. जो की अटपटा लगता है. और जब आपको पता ही है की अंत में क्या होने वाला है तो आपको फिल्म में हो रहे तीसरे एक्ट से कुछ भी फरक नहीं पड़ता.

बॉलीवुड मे फिल्मों की क्वालिटी क्या इतनी गिर गयी की योद्धा जैसी फ़िल्म को एक अच्छी फ़िल्म बताया जा रहा है ( कुछ रिव्यस में ). मगर दोस्तों योद्धा एक टिपिकल फ़िल्म है. इसके किरदारों मे ऐसी कोई नई खासियत नहीं है जो हमने पहले नहीं देखी.

सिद्धार्थ मल्होत्रा ने फ़िल्म मे मुख्य किरदार निभाया है. जैसा की मैंने पहले भी बताया सिड का किरदार अरुण काटयाल और शेरशाह फ़िल्म मे निभाया मेजर विक्रम का किरदार काफी हद तक एक जैसे लगते है.

वहीँ सिड की प्रेमिका और फ़िल्म मे मुख्य महिला किरदार निभाया है राशि खन्ना ने. जो एक तरफ सिड की प्रेमिका है. वहीँ दूसरी ओर भारतीय सरकार मे मुख्य पोस्ट पर नौकरी भी करती है. राशि खन्ना को मैंने अमेज़न प्राइम की सीरीज फ़र्ज़ी के बाद इस फ़िल्म मे देखा है. तो जिस तरह उस सीरीज मे भी वो भारतीय सरकार मे रहते हुए देश लो सुरक्षा मे कार्यरत थी, कुछ इसी तरह योद्धा फ़िल्म मे भी इनका किरदार है.

दिशा पाटनी भी इस फ़िल्म मे है. एक्शन करते हुए सही लगती है. बिना एक्टिंग किये भी खूबसूरत लगती है क्योंकि इतनी खूबसूरत जो है.

वही सनी हिंदुजा भी इस फ़िल्म मे है. उनको एक्टिंग के लिए अंतिम कुछ दर्शय दिए गए है जिसमे उन्होंने खूब ओवरएक्टिंग की है. गलती उनकी नहीं है. फ़िल्म की राइटिंग ही इतनी कमजोर है. की ना चाह कर भी गलतियां दिखाई दे ही जाती है.

तो दोस्तों ओवरआल देखा जाए तो योद्धा एक कमजोर फ़िल्म है. ना एक्शन नए लगते है, ना इसकी कहानी, ना इसका म्यूजिक, ना इसके किरदार. अगर कुछ नया दिखा तो वो है फ़िल्म मे तिरंगे के रंगों का स्मोक फायर.

बाकी आपकी मर्ज़ी देखना है तो देख लो.

Yodha Movie relase date ?

15 March 2024

what is the movie yodha about? summary

योद्धा मूवी है प्लेन हाइजैक के बारे मे. Yodha Movie है एक सोल्जर के बारे मे. योद्धा मूवी है आतंकवादियों के नापाक इरादों को विफल करने वाले मिशन की. योद्धा मूवी है देश भक्ति के बारे में.

is yodha hit or flop ?

योद्धा एक फ्लॉप फिल्म थी.

is yodha worth watching ?

योद्धा एक कमजोर फ़िल्म है. ना एक्शन नए लगते है, ना इसकी कहानी, ना इसका म्यूजिक, ना इसके किरदार. अगर कुछ नया दिखा तो वो है फ़िल्म मे तिरंगे के रंगों का स्मोक फायर.
बाकी आपकी मर्ज़ी देखना है तो देख लो.

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