Furiosa : a mad max saga hindi dubbed review – जानबूझकर मेड मैक्स फुरी रोड से कमतर बनाया गया है इसे क्यों ? आइये जानते है.

Furiosa : a mad max saga hindi dubbed review – मेड मैक्स फुरी रोड साल 2015 में रिलीज़ हुई वो एक्शन फिल्म थी जिसने एक्शन सिनेमा की दुनिया में हलचल पैदा कर दिया था. जिसने एक्शन फिल्मों के लिए एक नया उदाहरन पेश किया था. मेड मैक्स फुरी रोड एक ऐसी फिल्म थी जिसमे कम संवाद मगर खूब एक्शन था. पूरी फिल्म कुत्ते बिल्ली वाले भागदौड़ की तरह थी. जिसमे लगातार गाडिया दौड़ रही था और आपका दिमाग ख़राब कर देने वाला एक्शन दिखाया जा रहा था.

मेड मैक्स फुरी रोड जैसा पहले दर्शको ने नहीं देखा था. इस कारण उस फिल्म को दुनियाभर में खूब सराहा गया. उस फिल्म की खूब बात की गयी. यहाँ तक की वो फिल्म उस साल हुए ऑस्कर अवार्ड्स में भी नोमिनेट हुई थी. और 6 अलग अलग केटेगरी में अवार्ड जीती थी. तो फिल्म के डायरेक्टर जॉर्ज मिलर के सामने बहुत बड़ा चैलेंज था की वो मेड मैक्स फुरी रोड की अगली फिल्म कैसे उससे बेहतर बनाये. कैसे पिछली फिल्म से ज्यादा शानदार बनाये फुरिओसा को बनाए. तो पता है जॉर्ज मिलर साहब ने फुरिओसा : अ मेड मैक्स सागा के साथ क्या किया ?

जॉर्ज मिलर साहब ने मेड मैक्स फुरी रोड की तरह फुरिओसा को नहीं बनाया. मेड मेक्स फुरी रोड में खूब एक्शन था. ग्रैंड एक्शन था. संवाद कम थे. स्टोरी सीधी सपाट थी. खूब बैकग्राउंड म्यूजिक था. तो फिल्म के डायरेक्टर ने फुरिओसा को मेड मैक्स फुरी रोड से ज्यादा संवाद दिए. सिर्फ एक रोड एक्शन नहीं बनाकर कहानी को चैप्टरस में बाँट दिया. और कहानी को अलग अलग तरीके से दिखाया. जिस कारण फुरिओसा : अ मेड मेक्स सागा फिल्म में फुरी रोड से ज्यादा संवाद है, कहानी ज्यादा तरीके से गढ़ी गयी, किरदारों को ज्यादा समय दिया एस्ताब्लिश होने में, फिल्म की टाइमिंग पिछली फिल्म से ज्यादा की गयी मगर जो फुरी रोड की खासियत थी एक्शन, उसे इस फिल्म में कम रखा. और मेरे अनुमान से यह सब किया गया जानबूझकर. क्यों ? आइये बताता हूँ Furiosa : a mad max saga hindi dubbed review में.

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Furiosa : a mad max saga hindi dubbed review

कहानी

बाकी बातों से पहले बात करते है कहानी की. जिस तरह मेड मैक्स फुरी रोड की कहानी सीधी सपाट और सरल थी. उसके विपरीत फुरिओसा की कहानी को पांच चैप्टर्स में बाटा गया है. दरअसल फुरिओसा की कहानी मेड मैक्स फुरी रोड से पहले की कहानी है. जिसमे बताया है की कैसे दुनिया बर्बाद होने के बाद भी फुरिओसा अपने परिवार और लोगो के साथ एक ऐसी जगह रहती है जहाँ खूब हरियाली है, पेड़ है, पेड़ो पर फल है, सब्जियां है, पानी है. मगर जब डेमनटस ( क्रिस हेम्सवर्थ ) के लोगो को यह जगह पता लगती है तो वे अपने राजा डेमनटस को इस जगह के बारे में बताने के लिए फुरिओसा को अपने साथ ले जाते है. मगर ना वो लोग इस जगह के बारे में कुछ बता पाते है और ना फुरिओसा जीवन भर इस जगह के बारे में अपना मुहं खोलती है.

डेमनटस उसे अपने साथ रखता है. वो इस बंजर दुनिया का राजा बनना चाहता है. इसके लिए वो फुरिओसा का सौदा वेस्टलेंड के राजा इम्मोर्तन जोए के साथ कर देता है. वही इमोर्तन जोए जिसे हमने मेड मैक्स फुरी रोड में मुख्य विलन के रूप में देखा था. फुरिओसा अ मेड मैक्स सागा की पूरी कहानी है फुरिओसा के बारे में. कैसे वो इस खुनी बंजर दुनिया में खुद को जिन्दा रखती है. और कैसे वो अपनी माँ का बदला डेमनटस से लेती है.

जैसा की मैंने बताया की इस फिल्म की कहानी को पांच चैप्टर्स में बाटा गया है. उन पांच चैप्टर्स में फुरिओसा के सर्वाइवल के साथ साथ डेमनटस के किरदार के बारे में भी बताया गया है. साथ ही मेड मेक्स की इस बर्बाद दुनिया को और भी ज्यादा खुलकर बताया गया है. जिस कारण शायद यह फिल्म कुछ लोगो के लिए थोड़ी बोरिंग हो सकती है. खासकर उनके लिए जो इस फिल्म मेड मेक्स फुरी रोड की तरह फुल एक्शन फिल्म मानकर देखने जा रहे है.

मगर इस फिल्म की कहानी इस बंजर दुनिया को और खुलकर दिखाती है. मेड मेक्स फुरी रोड में जिस लड़की ने टॉम हार्डी के साथ मिलकर दुश्मनों का खातमा किया, उस फुरिओसा के किरदार, उसके सर्वाइवल को और ज्यादा खुलकर दिखाया है. साथ ही इस फिल्म के मुख्य विलन डेमनटस के किरदार को भी बेहतरीन तरीके से दिखाया है. ( बाकी आगे इस किरदार के बारे में बात करेंगे ). तो मेड मैक्स सागा की पिछली फिल्म की तरह इस फिल्म को बनाने के बजाय डायरेक्टर ने समझदारी से हमें फिल्म की कहानी में बहुत कुछ दिखाया है. जो शायद कुछ लोगो के लिए बोरिंग हो सकता है मगर मुझे बहुत मजा आया.

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किरदार

फुरिओसा एक ऐसी लड़की जो निर्भीक है. जो इस जालिम बंजर दुनिया में सर्वाइव करती है. जो अपने जीवन बर्बाद करने और अपनी माँ की मौत का बदला लेती है. ऐसा किरदार निभाया है अन्या टेलर जॉय ने. इन्होने इससे पहले कई और फिल्मों में काम किया है. जिनमे ” लास्ट नाईट इन सोहो ” और ” विच ” जैसे फेमस फिल्में भी है. आन्या का काम अच्छा है. इमोशनस दिखाने से ज्यादा उन्होंने इस फिल्म में एक्शन किया है. और एक्शन करती हुई वो सहज लगती है.

वहीँ फुरिओसा के बचपन का किरदार निभाने वाली छोटी लड़की आल्या ब्राउनि ने. उनका काम भी अच्छा है. टॉम बुर्क थोड़े समय के लिए फिल्म में आते है. जो फुरिओसा को उसकी मंजिल तक पहुचाने में साथ देते है. उनका काम भी अच्छा है. मगर जिस एक्टर ने कमाल कर दिया वो है क्रिस हेम्सवर्थ .

मार्वल फिल्मों में सुपरहीरो थोर का किरदार निभाने वाले मशहूर एक्टर क्रिस हेम्सवर्थ ने इस फिल्म में डेमनटस का किरदार निभाया है. यह किरदार फनी है, डेंजर है, इमोशनल होने से बचता है क्योकि यह भी दुनिया की बर्बादी के समय अपने परिवार को खोने का गम झेल चुका है और जान चुका है की इस कठोर दुनिया में रोने धोने से कोई फायदा नहीं है. जो सबसे ताकतवर रहेगा वो ही सर्वाइव कर पायेगा.

इस तरह के शानदार किरदार को क्रिस हेम्सवर्थ ने बेहतरीन तरीके से निभाया है. जब यह किरदार फनी होता है तो थोर की तरह लगता है. मगर इसके अलावा यह किरदार जबरदस्त इम्पैक्ट छोड़ता है. मेरे अनुमान से क्रिस हेम्सवर्थ का यह अब तक का निभाया सबसे बेस्ट किरदार है.

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सिनेमेटोग्राफी, एडिटिंग, बैकग्राउंड म्यूजिक और अन्य टेक्निकल चीज़े

300 : राइज ऑफ़ एन एम्पायर, हैकसॉ रिज जैसी धांसू फिल्मों में सिनेमेटोग्राफी कर चुके साइमन डग्गन ने इस फिल्म में अपने काम से दिल जीत लिया. मुझे इस फिल्म की सिनेमेटोग्राफी मेड मेक्स फुरी रोड से ज्यादा अच्छी लगी. मेड मेक्स फुरी रोड में भी सिनेमेटोग्राफी जबर थी. मगर यहाँ साइमन ने बंजर दुनिया को टहराव के साथ बहुत सही तरीके से दिखाया है. क्योकि यह फिल्म भी टहराव के साथ कहानी को आगे बढ़ाती है. कुछ एक्शन सीन को तो बहुत ही जयादा तगड़े तरीके से दिखाया है. रीत के टीलो, वीरान पहाडियों वाले दर्शय आपको मेड मेक्स सागा की दुनिया से परिचय करवाती है.

मार्गरेट सिक्सेल और एलियोट रप्मन की एडिटिंग अच्छी है. कई दर्शयो को बिना कट के एक साथ दिखाना और कहानी को आगे बढ़ाना बहुत सही लगता है.

टॉम होल्केंबोर्ग a.k.a जंकी XL का मेड मैक्स फुरी रोड वाला बैकग्राउंड म्यूजिक तो इस फिल्म में है ही. मगर इस फिल्म में उस धांसू बैकग्राउंड म्यूजिक का इस्तेमाल कम किया गया है. बजाय के इस फिल्म में बैकग्राउंड म्यूजिक की जगह फिल्म के वातावरण के म्यूजिक का इस्तेमाल किया गया है. रीत के टीलो पर खिसकती रेत की आवाज, एक्शन में गाडियों का शोर का इस्तेमाल किया गया है .

इनके अलावा प्रोडक्शन डिजाईन, ( जिसमे फिल्म कैसी दिख रही है, फिल्म के सेट्स कैसे दिखाई दे रहे है ) जैसे अन्य चीज़े भी अच्छी ही है.

ये वो चीज़े है जो एक पूरी फिल्म को बनाते है. और इन सबमे फिल्म अच्छी है. संवाद की इसलिए बात नहीं करूँगा क्योकि फुरिओसा : अ मेड मैक्स सागा हिंदी डब में देखी है मैंने. तो संवादों में अंतर हो सकता है. और हिंदी डबिंग ठीक है.

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जॉर्ज मिलर – फिल्म निर्देशक

जॉर्ज मिलर साल 1979 से मेड मेक्स की फिल्में बना रहे है. और यह एक ऐसी सीरीज है जो हर एक नई फिल्म के साथ अच्छी होती जा रही है. जॉर्ज मिलर ने मेड मेक्स के अलावा भी कई अन्य फिल्में बनाई है. मगर उनकी मेड मेक्स के अलावा दूसरी फिल्मो को लोग जानते भी नहीं.

मगर जॉर्ज 79 के होने के बावजूद सटीयाये नहीं है. वो आज भी अपनी फिल्म को पिछली फिल्म से अलग बनाते है. वो ओवर एक्साइट वाले ज़ोन में नहीं जाते. बॉलीवुड के जहाँ 40-50 साल के फिल्म निर्देशक हाउसफुल, छोटे मियाँ बड़े मियाँ जैसी घटिया फिल्मे बनाते नहीं थम रहे. वहीँ जॉर्ज मिलर इस उम्र में एक ऐसी फिल्म बनाते है जिसका पिछला भाग एक्शन फिल्मों में कल्ट माना जाता है. मगर फिर भी वो अपनी इस फिल्म में एक्शन जबरदस्ती कहीं भी नहीं घुसेड़ देते है.

इससे पता चलता है उम्र से टैलेंट का कुछ ख़ास रिश्ता नहीं नहीं. फुरिओसा फिल्म में भी जॉर्ज मिलर ने कमाल का काम किया है. जो बातें मेड मेक्स फुरी रोड में अधूरी रह गयी थी उनको इस फिल्म में पूरा किया है. मेड मेक्स फुरी रोड की दुनिया को टहराव के साथ दिखाया है. और इस कमाल के विज़न के लिए जॉर्ज मिलर की तारीफ करनी चाहिए.

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ओवरआल रिव्यु – Furiosa : a mad max saga hindi dubbed

तो दोस्तों इस आर्टिकल के शुरुआत में मैंने बताया था की इस फिल्म में मेड मेक्स फुरी रोड से कम एक्शन है. क्योकि फुरिओसा मेड मेक्स फुरी रोड की प्रीकुएल फिल्म है. यह मेड मेक्स के फिल्म के निष्कर्ष की शुरुआत है. मेड मेक्स फुरी रोड का अंत इस सागा का अंत था. वो फिल्म अंतिम निष्कर्ष पर पहुचती है. मगर फुरिओसा फिल्म फुरिओसा के जीवन को दिखाते हुए हमें मेड मेक्स फुरी रोड फिल्म तक ली जाती है. जिस कारण मेरे अनुमान से निर्देशक जॉर्ज मिलर ने इस फिल्म को फुरी रोड से कमतर रखा. क्योकि जो एक्शन इस फिल्म में दिखाया वो मेड मेक्स फुरी रोड से कम है. क्योकि यह शुरुआत है. और अगर आप इन दोनों फिल्मो को लाइन से देखोगे तो आपको भी एहसास होगा की निर्देशक का यह निर्णय सही था.

इसी कारण फुरिओसा चाहे कुछ लोगो को उतनी असरदार नहीं लग रही हो मगर मुझे बहुत सही इमानदार फिल्म लगी. क्योकि फिल्म बनाई इस तरह से गयी है की आपको फुरिओसा फुरी रोड से कमतर लगे. तो दोस्तों अंत में यही कहना चाहूँगा की अगर आप इस फिल्म को सिनेमाहाल में देखने का प्लान बना रहे हो तो जरुर देखने जाओ. बहुत सारा एक्शन की उम्मीद नहीं मगर एक समझदार फिल्म एक बेहतरीन फिल्म की उम्मीद से जाओगे तो फिल्म आपको बहुत पसंद आएगी.

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