Aavesham movie review in hindi : इस साल मलयालम फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर गजब का कमाल किया है. चाहे वो मंजुम्मल बॉयज ( Manjummel Boys ) हो, चाहे प्रेमालू ( Premalu ) हो या फिर हॉरर फिल्म ब्रम्युगम ( Bramyugam ) हो. अभी आधा साल गुजरा है और मलयालम सिनेमा ने पुरे देश भर के दर्शको का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. और जब बात फुल मसाला मॉस मूवी की हो तो यह जोनर हमेशा से ही बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के लिए फायदेमंद रहा है.
फहाद फाजिल की फिल्म आवेशम भी इसी जोनर की फिल्म है. मगर फिर भी यह टिपिकल फार्मूला फिल्म नहीं लगती. ऐसी नहीं लगती की ऐसा हमने पहले भी देखा है. यह एक मसाला मूवी होने के बावजूद इसकी कहानी कहने की स्टाइल के कारण नयेपन का एहसास करवाती है. तो दोस्तों आइये जानते है की इस साल मलयालम सिनेमा में कमाल करने वाली फिल्म Aavesham Movie कैसी है.
Aavesham movie review in hindi
बेहतरीन स्टोरीटेलिंग
स्टोरीटेलिंग मतलब की कहानी किस तरह सुनाई जा रही है या बताई जा रही है. तो एक फिल्म के अच्छे या बुरे होने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है उसकी कहानी. अगर कहानी बेहतरीन है तो बेशक फिल्म भी बेहतरीन रहेगी. और मुझे आवेशम की कहानी बेहतरीन लगी. इसकी कहानी कहने की स्टाइल बेहतरीन लगी. जिस तरह फिल्म की शुरुआत कॉलेज लाइफ से शुरू होती है. जिसमे तीन लड़के है. जो उनके सीनियर्स के द्वारा रेगिंग का शिकार हो चुके है. और ढूंढ रहे है कोई लोकल गुंडा जो उन सीनियर्स को सबक सिखा सके.
जब तक ये तीन लड़के इस फिल्म के हीरो रंगा ( Fahad Fazil ) से मिलते है तब तक फिल्म करीब आधे घंटे की निकल चुकी होती है. तब तक आपको लगता ही नही की यह कॉलेज लाइफ की फिल्म नहीं है. क्योकि उस आधे घंटे में आपको मस्त कॉलेज लाइफ दिखाई जाती है. उस आधे घंटे में तीन दोस्तों की दोस्ती, उनके किरदारों को बिल्ड किया जाता है. इस फिल्म के लेखक और फिल्म निर्देशक जीतू माधवन ने अपनी पहली फिल्म ” रोमांचम ” में भी कुछ इसी प्रकार कहानी कही थी. जहाँ ठीक से समय लिया जाता है किरदारों, उस कहानी के संसार को बनने में. और जब एक बार ये सब तैयार हो जाते है तब कहानी को भयंकर तरीके से आगे बढाते है.
रंगा के आने के बाद फिल्म में मस्त कॉमेडी होती है जो लगातार चलती रहती है. धांसू एक्शन है जो आपको नए लगेगें. शानदार गाने है जो आपको नाचने पर मजबूर कर देंगे और बेहतरीन क्लाइमेक्स है.
तो दोस्तों आवेशम अपनी स्टोरीटेलिंग में जीत जाती है. इसके मुख्य किरदार रंगा के संसार को जिस तरह दिखाया जाता है वो लेखन की जीत है.
फहाद फाजिल की जबर एक्टिंग
भाई फहाद फ़ाज़िल इंडियन सिनेमा के बेहतरीन एक्टर है. मैंने अभी तक उनको गंभीर किरदार निभाते हुए ही देखा था. मगर इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसा किरदार निभाया है जो फनी है और सेम टाइम सनकी भी. आवेशम फिल्म में रंगा का किरदार बहुत ही शानदार तरीके से लिखा गया है. और फहाद फ़ाज़िल ने इस किरदार को उससे भी ज्यादा बेहतर तरीके से निभाया है.
सफ़ेद कपडे पहनने वाला डॉन जिसके पास खूब पैसा है, जो लड़ाई में खुद नहीं लड़ता, उसके सहायको से एक्शन करवाता है ( कॉलेज एक्शन सीन , बेस्ट ), जो चीजों को लेकर उत्साहित रहता है, खूब पार्टियां करता है, जिसका अगला कदम क्या होगा किसी को पता नहीं. ऐसे किरदार को फहाद फ़ाज़िल ने अपने सौ प्रतिशत एफर्ट से निभाया है. यह फिल्म पूरी तरह फहाद फ़ाज़िल के कंधो पर ठीकी है. और उन्होंने इस फिल्म को अलग लेवल पर पंहुचा दिया है.
फहाद फाजिल के अलावा फिल्म में अम्बन का किरदार भी गजब का है. जिसे निभाया है सजिन गोपू ने. जितना फहाद फ़ाज़िल का किरदार फनी था उसी स्तर का फनी किरदार है अम्बन का. जो एक्शन करता है. रंगा का दाहिना है. जो रंगा के प्रति सौ प्रतिशत वफादार है. यह किरदार इतने गजब तरीके से लिखा गया है की फहाद फ़ाज़िल के स्क्रीन पर होते हुए यह अपनी अलग छाप छोड़ जाता है.
इन दोनों किरदारों के अलावा फिल्म में तीन कॉलेज के दोस्त भी है. जिनका काम भी अच्छा है.
तो देखा जाए तो दोस्तों यहाँ भी मैं यही कहूँगा की इन किरदारों की लिखाई इतनी सही लिखी गयी है की इनको निभाना एक्टर्स के लिए आसान हो गया. मगर फहाद फ़ाज़िल ने दिल जीत लिया.
नाचने को मजबूर करने वाले गाने
आवेशम फिल्म में म्यूजिक दिया है शुशीन श्याम ने. जिन्होंने इससे पहले भी मलयालम सिनेमा में अपने संगीत से अलग छाप छोड़ी है. इस साल आई मंजुमल बॉयज में भी इन्होने ही संगीत दिया था. शुसिन श्याम ने इस फिल्म में भी गजब का म्यूजिक दिया है. इस फिल्म के गाने आपको नाचने पर मजबूर कर देंगे. इसी कारण आवेशम सिनेमाहाल में देखने लायक फिल्म बन जाती है. चाहे वो गलाटा गाना हो या इल्लुमिनाति जब फिल्म में आते है तो आप उनको स्कीप नहीं करते. बल्कि इन गानों को अपनी म्यूजिक प्लेलिस्ट में सेव कर लेते हो.
साथ ही इस फिल्म में जिस तरह बैकग्राउंड म्यूजिक दिया गया है वो भी बेहतरीन है. एक्शन सीन्स में यह म्यूजिक अपने चरम पर चला जाता है. वही कुछ इमोशनल सीन में आपको उन इमोशनस से जुडवा देते है.
सिनेमेटोग्राफी, एडिटिंग, डायरेक्शन
फिल्म में समीर ताहिर की बढ़िया सिनेमेटोग्राफी है. समीर ताहिर ने इससे पहले मलयालम सिनेमा की ही कुछ बेहतरीन फिल्मों में काम किया है जिनमे मृणाल मुरली भी है.देखा जाए तो फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है की वो लैंडस्केप दिखाने का प्रॉमिस नहीं करती. मगर फिल्म की कहानी के दर्शयो को उनके सबसे प्रभावी तरीके से दिखाता है.
विवेक हर्षण की एडिटिंग भी अच्छी है. विवेक हर्षण ने इस साल रिलीज़ हुई मंजुमल बॉयज में भी काम किया है.
आवेशम फिल्म के निर्देशक है जीतू माधवन. यह उनकी दूसरी फिल्म है. पिछले साल आई उनकी फिल्म रोमांचम भी एक मजेदार हॉरर कॉमेडी फिल्म थी. वो फिल्म भी सुपर हिट साबित हुई थी. जीतू माधवन की पहली फिल्म में दिए निर्देशन की झलक इस फिल्म में भी देखने को मिलती है. ये अपनी कहानी को शुरुआत में धीरे धीरे आगे बढाते है. और जब एक बार कहानी सेट हो जाती है तब ये कहानी को धांसू तरीके से आगे बढाते है. एक मसाला फिल्म को भी किस तरह नयेपन के घड़े में डाला जा सकता है उसका आवेशम एक बेहतरीन उदाहरन है.
ओवरआल रिव्यु – आवेशम
तो दोस्तों ओवेराल देखा जाए तो आवेशम एक दम मस्त मसाला फिल्म है. जिसमे मस्त कॉमेडी है. खूब एक्शन है. एक दम बवाल गाने है. और फहाद फ़ाज़िल तो है ही. आवेशम वो फिल्म है जो खुद के मसाला फिल्म होने पर गर्व करती है. जो कहीं कहीं बॉलीवुड की मसाला फिल्मों पर कटाक्ष भी करती है. जो हमें कहानी कहने का एक नया तरीका दिखाती है. इसी कारण आवेशम बाकी मास मसाला फिल्मों से अलग दिखाई पड़ती है. करीब ढाई घंटे की फिल्म है. जो आपको किसी जॉय राइड की तरह लगेगी. और जब फिल्म खत्म होती है तो आपके दिमाग में इसका धांसू क्लाइमेक्स, फहाद फ़ाज़िल की एक्टिंग और इसके गाने रह जाते है.
अमेज़न प्राइम पर उपलब्ध है दोस्तों. जाओ देखो. मजा आ जाएगा.
आवेशम की कहानी क्या है ?
तीन कॉलेज के लड़के, जिनकी सीनियर्स द्वारा भयंकर रेगिंग ली जाती है. इसका बदला लेने के लिए वो लोकल गुंडा ढूंढते है. और उनकी मुलाकात होती है रंगा से. रंगा जो की लोकल गुंडा है, अमीर है, फनी है और सनकी भी है. यह सनक तब दिखाई देती है जब वो उन तीनो लडको को अपने पास रखना चाहता है हमेशा.
क्या आवेशम एक कॉमेडी फिल्म है ?
जी हाँ. आवेशम एक कॉमेडी फिल्म है. जिसमे आपको हसने पर मजबूर कर देने वाली कॉमेडी है.
क्या आवेशम रोमांचम फिल्म से सम्बंधित है ?
भले ही दोनों फिल्मों का फिल्म निर्देशक एक ही है. मगर दोनों फिल्मों में कोई सम्बन्ध नहीं है. दोनों अलग फिल्में है.