Depression से बाहर निकलने के लिए ये 6 फ़िल्में जरुर देखे जो आपको जीवन से प्यार करना सिखाएगी. लिस्ट में आखिरी वाली फिल्म मृत्यु से भी प्यार करना सिखाएगी.

अगर कोई मुझसे पूछता है की फिल्मे देखने से क्या होता है?..फिल्मे देखने से क्या फायदा मिलता है?

तो मैं जवाब देता हूँ ” की एक फिल्म आपको जीवन के उन पहलुओ को बिना किसी लाग लपेट के दिखाती है जो आपने कभी जाने नही. इसी तरह कुछ फिल्मे ऐसी होती है जो हमें ज़िन्दगी के प्रति प्यार करना सिखाती है. जीवन से हताश, कुछ न होने की उम्मीद कर चुके लोग जो Depression जैसी समस्या से झूझ रहे है उन लोगो को ऐसी फिल्मे जरुर देखनी चाहिए जो उन्हें जीवन जीने के नए तरीके बतलाये. एक बात और मैं खुद की पर्सनल बात करू तो मेरे लिए सिनेमा एक Psychiatrist की तरह है. जब भी मैं उदास होता हूँ मैं हसी ख़ुशी वाली खुबसूरत फिल्मे देखता हूँ. जब भी जीवन के प्रति उबाऊ महसूस होने लगे तो ऐसी फिल्मे देख लेता हूँ जो जीवन के प्रति मेरे दर्शय को बदल देती है.

और इस आर्टिकल के अन्दर मैं 6 ऐसी फिल्मो की बात करना चाहूँगा जिन्होंने मेरा जीवन के प्रति प्यार बढाया. क्योकि एक समय ऐसा भी आया था जब मैं जीवन से उब गया था. या यूं कहे की Depression में था. मगर इन फिल्मो ने मेरा जीवन के प्रति नजरिया बदल दिया. वेसे भी ऋतिक रोशन की फिल्म “गुज़ारिश” में Ethn Mascarenhas ने कहा था ” की यह लाइफ बहुत छोटी है So Go On, Break The Rules, Forgive quickly, Kiss slowly, Love truely, Love uncontrollably, and Never Regret anything that Made You Smile.”

तो आइये मेरे खुबसूरत प्यारे पाठको इस list में जानते है मेरी पसंदीदा 6 ऐसी फिल्मे जो जीवन के प्रति प्यार बढ़ाती है. इस श्रेणी में फिल्मो का कोई क्रम नही है. सभी अपनी जगह best है.

Depression से बाहर निकलने के लिए ये 6 फ़िल्में जरुर देखे जो आपको जीवन से प्यार करना सिखाएगी. लिस्ट में आखिरी वाली फिल्म मृत्यु से भी प्यार करना सिखाएगी.

Dear Zindagi

एक लड़की है किआरा ( Alia Bhatt ) जो फिल्मो में सिनेमेटोग्राफर है. खुद की फिल्म बनाना चाहती है. जीवन में पैसा है, बॉयफ्रेंड है, सुकून है, मगर ना जाने क्यों फिर भी वो खुश नही है life से. उसे खुद पता नही उसे जीवन से इतनी उब क्यों है. इसी का उत्तर जानने वो Dr. जहाँगीर खान के पास जाती है. वो किआरा को प्रैक्टिकल और Theoritical तरीके से हस्ते खेलते उसे जीवन के कई फलसफे सिखा देता है और फिल्म के अंत आते आते किआरा को जीवन की वो खूबसूरती दिखने लगती है जो उसे पहले दिख नही रही थी.

यह बहुत ही खुबसूरत फिल्म है. कई बार हम दुखी होते है मगर हमें पता नही होता की आखिर हम दुखी क्यों है. हमें यहाँ तक पता भी नही होता की हम Depression में है. शायद हम जीवन का महत्व खोने लगते है. जैसे की फिल्म की मुख्य किरदार किआरा के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा होता है. और हमें जरुरत होती है ऐसे इंसान की जो हमें जीवन का वो महत्व बतला जाए जिससे हम अभी तक अनजान थे. और Dear Zindagi फिल्म ने मेरे लिए वही काम किया.

127 Hours

127 hours हॉलीवुड फिल्म है. जो की Aron Ralston नाम के व्यक्ति के वास्तविक जीवन पर आधारित है. फिल्म में बताया है की Aron जो किसी 9 to 5 कंपनी में जॉब करता था और weekends पर घूमने निकल जाता था. ऐसे ही एक वीकेंड पर वो अकेला घूमने निकलता है और अमेरिका के दूर दराज जगह ग्रैंड कैनियन नामक जगह फस जाता है. उसके जीवन के 127 घंटे उसके पूरे जीवन को बदल देते है. एक ऐसा बन्दा जो अपनी ज़िन्दगी में व्यस्त है, जिसे लोगो की प्रवाह नही, वहाँ फस कर उसे कई सारी चीजों का एहसास होता है.

मशहूर फिल्म निर्देशक Danny Boyle द्वारा बनाई गयी यह फिल्म जीवन में हार ना मानने और जीवन को एक अलग नजरिये से देखने को बताती है. इस फिल्म में संगीत दिया था A.R. Rehman ने . जो की इस फिल्म के सबसे खुबसूरत पहलुओ में से एक है. यह फिल्म आपको जरुर देखनी चाहिए इस फिल्म की कहानी के लिए, जेम्स फ्रंको के बेहतरीन अभिनय के लिए, इस फिल्म के जीवन के प्रति नजरिये के लिए और बेहद खुबसूरत म्यूजिक के लिए.

यह फिल्म हमें ज़िन्दगी का महत्व तो बतलाती ही है साथ ही जीवन में जो लोग हमारे पास है, जैसे हमारे माँ बाप जिनसे हम दूर हो गये है उनके पास वापस जाने का, उनसे एक बार फिर मिलने का जीवन का वो सुख भी बतलाती है.

Cast away

दुनिया के महान अभिनेताओं में से एक Tom Hanks की यह फिल्म एक ऐसे इंसान की कहानी बतलाती है जो FedX नाम की कोरिअर कंपनी में काम करता है. जो हमेशा अपने काम में लगा रहता है. इसी बीच जब वो एयरप्लेन से कहीं जा रहा होता है तब उसका प्लेन क्रेश हो जाता है. प्लेन में मोजूद सभी लोग मारे जाते है सिवाय उसके. वो एक सुनसान द्वीप पर फस जाता है. बस फिर क्या वो कई महीनो तक वही रहता है. जब कहीं से हेल्प मिलने की गुंजाइश खत्म होती है तो उसका जीवन पैसो, दुनिया के मोह से हटकर जीवन के Survival की ओर मुड़ जाता है.

देखो दोस्त जीवन बहुत छोटा है मगर खुलकर जीने को बहुत बड़ा है. अच्छी बात है काम कर रहे हो अगर अपने जीवन पर ध्यान लगाओ की कहीं काम में इतने ज्यादा व्यस्त हो जाने के कारण कहीं जीवन जीने का सुख तो नही भूल गए.

हाल ही में आई सोनाक्षी सिन्हा की जानदार वेब सीरीज Dahaad का रिव्यु भी यहाँ पढ़ सकते है – Dahaad Web Series Review 

zindagi na milegi dobara

तीन दोस्त है. तीनो में से एक दोस्त की शादी हो रही है. तो तीनो कई सालो बाद स्पेन की ट्रिप पर जाते है. वहाँ वो अपने डर से भिड़ने का चैलेंज लेते है. और जैसे जैसे वो अपने डर को पार पाने लगते है उन्हें लगता है जैसे जीवन का नया अनुभव होता है. यह बॉलीवुड की खुबसूरत फिल्मो में से एक है. इस फिल्म में फरहान अख्तर द्वारा बोली गयी कविताएं फिल्म में बहुत ही खुबसूरत लगती है.

जीवन में हमें कई चीजों से डर लगता है और अधिकतर डर का सम्बन्ध मृत्यु से जुड़ा होता है. और जब हम अपने डर को जीत लेते है हमें जीवन का नया अनुभव मिलता है. जैसे इस फिल्म में फिल्म के किरदारों के साथ होता है. यह फिल्म अधिकतर लोगो ने देख ही ली होगी और अगर अभी तक नही देखी तो मैं कहता हूँ जरुर देखना यह फिल्म.

iqbaal

श्रेयस तलपडे की पहली फिल्म ” इकबाल ” कहानी कहती है iqbaal नाम के शख्स की. जो ना तो सुन सकता है और ना ही बोल सकता है. उसका क्रिकेटर बनने का सपना है. लड़का गरीब है मगर फिर भी इतनी विपरीत परस्थितियों के बावजूद iqbaal कैसे सारे challenges को पार करता है और क्रिकेटर बनता है वो इस फिल्म में बड़े ही खुबसूरत तरीके से बताया है.

यह फिल्म हमें बताती है की जो करना चाहते हो करो. जहाँ जाना चाहते हो जाओ, जिससे मिलना चाहते हो मिलो, जीवन बहुत छोटा है. खुल कर जीयो.

Film Jo Maut se Pyaar karna sikhati hai.

Guzaarish ऋतिक रोशन और ऐश्वर्या राय की फिल्म एथेन नाम के ऐसे आदमी की कहानी बताती है जिसके शरीर का मुंह से नीचे का हिस्सा काम नही करता. मगर फिर भी वो हार नही मानता. वो रेडियो पर लोगो को ज़िन्दगी से प्यार करने का ज्ञान देता रहता है. मगर वो यह करके अपनी रियलिटी को नकार रहा होता है की जब उसके शरीर का अधिकतम हिस्सा काम ही नही कर रहा तो जीने से अच्छा है मौत को ही गले लगा लिया जाए.

जबरदस्ती परेशान होकर जीवन जीने से अच्छा है मौत की खूबसूरती को देखा जाए. क्योकि किसी ने सही कहा है की मौत को तो लोग यूँही बदनाम करते है असली तकलीफ तो ज़िन्दगी देती है. फिल्म में दिखाया है की कैसे जब अंत में एथेन मौत को गले लगा रहा होता है तो खुश हो रहा होता है. क्योकि उसे पता है की अंतिम सत्य मौत ही है. और मौत के बाद ही सुख मोक्ष है. तो आखिर मौत से इतनी नफरत क्यों.

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