Jigra ( 2024 ) Review in Hindi : साल 2023 में आई रणबीर कपूर की फ़िल्म एनिमल एक ऐसे इंसान के बारे में थी जो अपने पिता से बहुत प्यार करता है. जो अपने पिता के लिए कुछ भी कर सकता है. जान दे भी सकता है तो किसी की जान ले भी सकता है. इस कदर अपने पिता के प्रति एक बेटे के बेइंतहा प्यार को एनिमल फ़िल्म में दिखाया गया था.
इसी तरह इस साल आयी आलिया भट्ट की फ़िल्म ” जिगरा ” अपने भाई के प्रति एक बहन का कुछ इसी तरह का प्यार दिखाती है. जो अपने भाई के लिए कुछ भी कर सकती है. अपने माँ बाप के मर जाने के बाद जिसने अपने भाई को संभाला. जो अपने भाई को दूसरे देश की जेल से छुड़ाने का प्रयास करती है. प्रयास चाहे कानूनी हो, या फिर गैर क़ानूनी. वो अपने भाई को बचाने के लिए हर प्रयास करती है.
यह कहानी है आलिया भट्ट की फ़िल्म जिगरा का. जिसे आप नेट्फ्लिक्स पर देख सकते है. जिसे बनाया है वासन बाला ने. जिन्होंने इससे पहले ” मर्द को दर्द नहीं होता ” और ” मोनिका ओह माई डार्लिंग ” जैसी नई प्रकार की और शानदार फ़िल्में बनाई है. और यही नयापान ” जिगरा ” में भी दिखाई पड़ता है. एक नए प्रकार की कहानी. भाई के लिए बहन का इस कदर का प्यार कभी नहीं देखा होगा आपने. कुछ बेहतरीन दर्शय फ़िल्म में आपको देखने को मिलेंगे जिन्हे आपने पहले कभी नहीं देखा. जिनमे कुछ स्लो मोशन सीन्स भी है.

इसी फिल्म के सभी किरदार स्टेरेटाइप नहीं है. सबका अलग अंदाज़ है. बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है. गानों को कहानी में अच्छे तरीके से पिरोये हुए है. जो कहानी में इमोशंस और एक्शनस के साथ अच्छी तरह गुथे हुए है. साथ ही आलिया भट्ट की बेहतरीन एक्टिंग है. मगर इस फ़िल्म के साथ एक बहुत बड़ी कमी है. जो इसमें नयापन तो लाती है मगर इसे मनोरंजक नहीं बनाती. और वो है इस फ़िल्म का स्क्रीनप्ले.
इसका स्क्रीनप्ले फ्रेश है. मगर स्लो है. कहानी को बहुत धीरे धीरे आगे बढ़ाता है. सिनेमा की विधा में अक्सर थ्री एक्ट स्ट्रक्चर की बात की जाती है.
पहला एक्ट जो कहानी का शुरूआती भाग होता है. जिसमे कहानी का कन्फलीक्ट शुरू होता है. दूसरा एक्ट जिसमे जो सबसे बड़ा एक्ट होता है. जिसमे उस कन्फलीक्ट से उत्पन्न हुए नुकसान, परेशानियों को दिखाया जाता है. और इससे कैसे बाहर निकले यह भी इसी मिडिल एक्ट में बताया जाता है. तीसरा एक्ट वो होता है जिसमे कहानी अपने अंत की ओर जाती है. जिसमे उस कन्फलीक्ट को ख़तम किया जाता है.
तो जिगरा फ़िल्म का पहला एक्ट औसत है. वहीँ मिडिल एक्ट बहुत धीमा है. जो कई सारी जगह बोर करता है. उबाउ लगने लगता है. और तीसरा एक्ट बेहतरीन है. जिसमे आलिया भट्ट के किरदार द्वारा अपने भाई को जेल से बाहर निकालने का एक्ट है. जो तगड़ा है. तो आपको तीसरे एक्ट को देखने के लिए बाकी दो एक्ट को झेलना पड़ता है.
तो इसी कारण फ़िल्म में बहन भाई के इमोशंस के साथ आप जुड़ नहीं पाते हो. ठीक है फ़िल्म ईमानदारी से बनाई हुई है. मगर कहानी कसी हुई नहीं हो तो कई बार सारी मेहनत फेल हो जाती है. शायद यही कारण है की यह फ़िल्म दर्शकों का ध्यान खींचने में नाकाम रही.

वासन बाला की पिछली फ़िल्म मोनिका ओह माई डार्लिंग एक मजेदार फ़िल्म थी. उसमे नयापान था. उसमे बेहतरीन गाने थे और उसका स्क्रीनप्ले कसा हुआ भी था. और मुझे इस फ़िल्म से भी वही उम्मीद है. साथ ही मुझे जिगरा का ट्रेलर भी बहुत पसंद आया था. मगर सच बताऊ तो मुझे जिगरा ने निराश ही किया है.
मैं आपको सजेस्ट करूँगा इसे देखने के लिए क्योंकि इसका क्लाइमेक्स तगड़ा है. कुछ नए एक्शन सीन्स है. बाकी यह फ़िल्म बहुत लोगो को पसंद भी आयी है. मगर मुझे इसने निराश किया है.