Amazon prime ott का वो प्लेटफार्म है जहां भारतीय सिनेमा की कई बेहतरीन सीरीज बनी है . जैसे मिर्ज़ापुर, फर्जी, पाताललोक, इनटू द ब्रेथ, मेड इन हेवन, अफ़सोस इत्यादि. भले ही netflix कंटेंट में क्वांटिटी के मामले में आगे हो मगर क्वालिटी के मामले में अमेज़न प्राइम नेट्फ्लिक्स से बेहतर है. और इसी बेहतरीन सीरीज उपलब्ध करवाने की कड़ी में अमेज़न प्राइम अब लाया है latest series ” JUBILEE ” .
सिर्फ पांच एपिसोड की आई Jubilee सीरीज इंडिया में इस शुक्रवार दिनांक 7 मार्च को प्राइम पर रिलीज़ हुई थी. इसकी कहानी बयां करती है आज़ादी के वक़्त के भारतीय सिनेमा से जुड़े लोगो, राजनीती नेम फेम और प्रेम की. जो बड़े ही खुबसूरत और इमानदार तरीके से परोसने में सीरीज के क्रिएटर ” विक्रमादित्य मोटवानी ” सफल रहे . तो आइये जानते है अमेज़न प्राइम की नई वेब सीरीज ” Jubilee ” के बारे में की यह देखी जानी चाहिए या नही.
Jubilee amazon Prime series Review
कहानी
सबसे पहले बात करते है Jubilee सीरीज की कहानी की. जो की लिखी है विक्रमादित्य मोटवानी और सौमिक सेन ने. सीरीज का समयकाल है भारत के आज़ादी के वक़्त का. यानी की साल 1947 के आस पास के समयकाल का. जिस समय भारत आज़ाद हो रहा था और भारत का सिनेमा फल फूल रहा था. यह वो वक़्त था जब सिनेमा भारत में पूजा जाता था. सिनेमा बनाना बड़ा महंगा पेशा माना जाता था. और जो इस सिनेमा के पेशे में सफल थे उनका एक अलग ओदा रहता था जैसे की Jubilee में ” श्रीकांत रॉय ” का होता है. वो बड़ा फिल्म निर्माता है. जिसकी हर नई फिल्म का लोगो को इन्तेजार रहता है. जो नवाबी तरह से सूट बूट में रहता है और चिल्लम पीता है.
श्रीकांत रॉय अपनी नई फिल्म बनाना चाहता है जिसके लिए वो दूंढ रहा है अपनी फिल्म के नए स्टार ” मदन कुमार ” को. मदन कुमार जिसकी हेरोइन श्रीकांत रॉय की पत्नी सुमित्रा कुमारी बनेगी. तो क्या श्रीकांत को अपना नया सुपरस्टार मदन कुमार मिलेगा या नही. कहानी सिर्फ इतनी नही है. मगर इससे ज्यादा कहना स्पोइलर हो जायेगा.
Jubilee की कहानी में राजनीति है, भारत पाकिस्तान विभाजन से परेशान रिफ्यूजी की कहानी है और उस दौर के लोगो की कहानी है.
अगर सीरीज की कहानी की बात की जाए तो कहानी अच्छी है. पुराने ज़माने को आधार में लिए यह कई सारे पहलुओ को बतलाती है. कई सारे किरदारों के जीवन को दिखाती है. मगर अभी सिर्फ 5 एपिसोड की आये है तो आगे इसके दुसरे पार्ट में बहुत कुछ है जो बतलाना बाकी है.
स्क्रीनप्ले
Jubilee का स्क्रीनप्ले लिखा है अतुल सभरवाल ने. कुछ लोगो के लिए यह सीरीज स्लो हो सकती है. क्योकि इसमें सिवाय पहले एपिसोड के ज्यादा कुछ घट नही रहा होता है. मगर कुछ घटने की संभावना ही एक बेहतरीन स्क्रीनप्ले की खासियत होती है. मगर बहुत सारे लोगो को खासकर जो लोग अच्छा सिनेमा देखते है और अच्छे सिनेमा की प्रशंसा करते है उनको जरुर यह सीरीज पसंद आएगी.
अभिनय
कुछ फिल्मे या सीरीज होती है जिसमे सब कुछ ठीक ही होता चला जाता है. उसी तरह इस सीरीज में भी अच्छी कहानी, अच्छा स्क्रीनप्ले और एक्टर्स की बेहतरीन अदाकारी इस सीरीज को एक बेहतरीन सीरीज बनाते है. दरअसल सीरीज की दुनिया में कोई एक किरदार मुख्य किरदार नही होता. उसमे सभी किरदार मिलकर अपनी अपनी कहानी कहता हुआ अपनी कहानी का मुख्य किरदार बन जाता है.
प्रोसेनजीत चटर्जी ने श्रीकांत रॉय का किरदार बेहद सटीक ढंग से निभाया है. उनका रोब, उनका ओदा, उनका चलने के तरीका , उनका बात करने का तरीका सभी कुछ बेहतरीन ढंग से दिखाया है .
श्रीकांत की पत्नी के किरदार में किआरा आडवानी * ओह sorry * अदिति राव हेदरी ने भी अच्छा काम किया है. सीरीज में उनके किरदार का नाम सुमित्रा कुमारी है. जो अपने पति से नफरत करती है. और साथ ही साथ उनके वफादार चेले बिनोद दास से भी.
बिनोद दास का किरदार मुझे सबसे इंट्रेस्टिंग लगा. बिनोद दास एक साधारण लुक वाला इन्सान है. एक गरीबी से उठकर बॉलीवुड सिनेमा का सितारा बना है. और श्रीकांत रॉय का वफादार है. वो शांत है. उसके मूव्स भी शांत है. मगर इस शांति के पीछे एक चालक इन्सान है. जो मतलबी है. जो किसी भी चीज़ को पाने के लिए कुछ भी कर सकता है. सीरीज में बिनोद दास के किरदार अपारशक्ति ने खुर्राना ने निभाया है. और बड़े बेहतरीन ढंग से निभाया है.
इनके अलावा सिधांत गुप्ता ने जय खन्ना का किरदार निभाया है. जो थिएटर आर्टिस्ट है. जिसके चलने का एक स्टाइल है. जैसे की चार्ली चैपलिन. जो चार्मिंग है, मगर गुस्सेल है.
इनके अलावा Jubilee में राम कपूर ने हमेशा की तरह अपने किरदार में जानदार अभिनय किया है . उनके किरदार का नाम वालिया है. जो फिल्मो में पैसा लगाता है. वामिका गाबी ने निलोफर के किरदार में अच्छा अभिनय किया है.
मतलब की सभी कलाकारों ने अपने अपने किरदार को अच्छे ढंग से निभाया है.
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तकनीकी पहलू
Jubilee सीरीज का समयकाल 40 या 50 के दशक के आसपास का है. तो इस सीरीज में उस ज़माने को दिखाना एक बहुत बड़ा टास्क था. मगर इस काम को सीरीज में बखूबी तरीके से सफल किया गया है. चाहे उस ज़माने में चलने वाली गाड़िया बतानी हो, चाहे उस जमाने के घर, सिनेमाहाल, लोगो के कपडे, चलने का ढंग और उस जमाने का सिनेमा. सभी को बेहतरीन तरीके से दिखाया है इस सीरीज में. जिसके लिए प्रोडक्शन डिपार्टमेंट और आर्ट डिजाईन डिपार्टमेंट को हैट्स ऑफ कहना जरुरी है.
Jubilee सीरीज में बैकग्राउंड म्यूजिक दिया है अलोकनान्दा दासगुप्ता ने. जो बहुत बेहतरीन है. साथ ही इस सीरीज के कुछ गाने भी अच्छे है जो की कंपोज़ किये है मेरे पसंदीदा म्यूजिक कंपोजर अमित त्रिवेदी ने.
छायांकन ( सिनेमेटोग्राफी ) इस सीरीज के बेहतरीन पहलुओ में से एक है. जो की प्रतिक शाह द्वारा की गयी है. हर एक फ्रेम बहुत खुबसूरत बन पड़ा है इस सीरीज का.
ओवरआल
देखो विक्रमादित्य मोटवानी ने इससे पहले लूटेरा और उड़ान जैसी गजब की फिल्मे बना चुके है. तो वो मेरे पसंदीदा फिल्म निर्देशकों में से एक है. तो शायद इस कारण मुझे इस सीरीज में कोई भी कमी नजर नही आई. शायद में बायस्ड हो रहा होऊंगा. मगर फिर भी मेरे अनुसार यह एक बेहतरीन सीरीज है. भले ही अमेज़न प्राइम की पिछली सीरीज ” Farzi ” जितनी उम्दा नही हो, मगर इसको एक बार तो देखना जरुर चाहिए. क्योकि इसमें इसमें प्रेम है,बारिश है,आज़ादी की कहानी है, राजनीति है और एक खुबसूरत सिनेमा है. और ऐसे सिनेमा को देखना जरुर चाहिए. बाकी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताये.
बाकी मिलते है इंटरवेल के बाद.14 अप्रैल जब इसका इंटरवेल के बाद वाला पार्ट आएगा.