खो गए हम कहाँ फ़िल्म समीक्षा : साला ज़ब भी इंस्टाग्राम खोलो तो ऐसा लगता है की लोगो के जीवन मे कोई दुख ही नहीं है. सब अपनी अच्छी लाइफ और खुशहाल जिंदगी वाली फोटोज ड़ालते है. उन्हें देखकर हम जैसे लोगो को लगता है की यार उनकी लाइफ कितनी चिल है. कितनी मस्त है. यही कारण से हमें अपनी ज़िन्दगी से घृणा होने लगती है. और इंस्टाग्राम की दुनिया ही हमें असली लगने लगती है.
नेटफ्लिक्स की नई फ़िल्म ” Kho Gaye Hum Kahan ” के तीनो किरदारों के जीवन को भी कुछ इसी इंटरनेट के मायाजाल की झूठी दुनिया मे फसते हुए दिखाया गया है. जो आज की युवा पीढ़ी को अकेलेपन की ओर धकेल रहा है.
बाकी आइये और जानते है यह फिल्म कैसी है ekarwaan.com के खो गए हम कहाँ फ़िल्म समीक्षा के द्वारा.
खो गए हम कहाँ फ़िल्म समीक्षा 2023

जोया अख्तर और रीमा कागति का बेहतरीन लेखन -खो गए हम कहाँ फ़िल्म समीक्षा 2023
इस साल हम जोया अखतर और रीमा कागति के बेहतरीन लेखन का कमाल देख चुके है अमेज़न प्राइम पर आई उनकी सीरीज ” दहाड़ ” के द्वारा. और अब साल 2023 के अंत आते आते एक बार फिर इस जोड़ी ने हमें एक अच्छी कहानी प्रदान की है ” Kho Gaye Hum Kahan ” फ़िल्म के द्वारा.
” खो गए हम कहाँ ” फ़िल्म की कहानी है तीन युवाओं की. ईमाद, अहाना और नील. तीनो बचपन के स्कूल के दोस्त है. ईमाद और अहाना ईमाद के फ्लैट मे रहते है. और नील अपने माँ बाप के साथ.
ईमाद स्टैंड अप कॉमेडियन है. अहाना जॉब करती है और नील जिम ट्रेनर है.
ईमाद अपने बचपन के ट्रोमा से जूझ रहा है. जो उसे उदासी और टींडर लस्ट की दुनिया मे धकेल देता है. अहाना अपने एक्स बॉयफ्रेंड को सोशल मीडिया पर स्टॉक करती है और साथ ही उसे रुझाने के लिए खुद को एक सोशल मीडिया मॉडल के रूप मे दिखाती है. वहीं नील अपनी गर्लफ्रेंड जो की जो की एक सोशल मीडिया सेलेब्रिटी है, उसके साथ एक complicated से रिश्ते में है.
तीनो इस इन्टरनेट की झूटी दुनिया में खोते जा रहे है. अपनी असली पहचान को छुपाते जा रहे है. सोशल मीडिया में हजारो लोगो से मुलाकात है मगर वास्तविक दुनिया में अकेले होते जा रहे है. इसी कारण इस फिल्म का नाम रखा गया है ” खो गए हम कहाँ ” .
फिल्म की कहानी अच्छी है. आज के समय के साथ सही बैठती है. यह शहरी जनता के साथ ज्यादा रिलेट करेगी बजाय की छोटे शहर की. शायद यह फिल्म बनाई भी उसी जनता के लिए है. और शहरी जनता तक शायद बहुत सही तरीके से पहुचती है. और यही जोया अख्तर और रीमा कागती के लेखन की जीत है. क्योकि इस फिल्म से मुझे तो कुछ ज्यादा उम्मीद नही थी. मगर आज के धूम धडाम वाले एक्शन सिनेमा के बीच इस तरह की छोटी मगर अच्छी कहानी वाली फिल्म का आना एक अच्छी बात है.

अनन्या पाण्डेय सरप्राइज करती है, आदर्श गौरव का मजबूत अभिनय-खो गए हम कहाँ फ़िल्म समीक्षा 2023
अनन्या पाण्डेय का इस फिल्म में अहाना सिंह का किरदार है. जो की एक शहरी लड़की है. जॉब करती है. इंडिपेंडेंट है. कई बातो में सॉर्ट out है. ऐसा लगता है जैसे अनन्या पाण्डेय ही हो.
अनन्या पाण्डेय को इस तरह की स्क्रिप्ट्स और ज्यादा चुननी चाहिए. क्योकि इस फिल्म में उनका किरदार उनके वास्तविक रूप जैसा ही है. और इस तरह के किरदार को निभाते हुए अनन्या पाण्डेय सहज लगी. उनके इस फिल्म में अच्छी एक्टिंग करने का कारण इस किरदार का अच्छा लेखन भी है. इस फिल्म में अनन्या पाण्डेय ने उम्मीद के विपरीत अच्छी एक्टिंग की है.
वहीँ आदर्श गौरव जिनको हम नेट्फ्लिक्स की ही सीरीज ” गन्स एंड गुलाब ” में भी शानदार अभिनय करते हुए देख चुके है. उन्होंने इस फिल्म में नील परेरा नाम के जिम ट्रेनर और एक मध्यम वर्गीय परिवार के लड़के का किरदार बड़े ही अच्छे तरीके से निभाया है.
सिधांत चतुर्वेदी का किरदार इमाद अली स्टैंड अप कॉमेडी करता है. उसका मुंबई में बेहतरीन लोकेशन पर फ्लैट है. जो अमीर बाप का बेटा है. उसके बचपन के ट्रौमा से जूझ रहा है. शायद इसलिए वो लोगो से रिश्ते बनाने से डरता है. सिधांत चतुर्वेदी ने इस किरदार को बड़े ही सहज तरीके से निभाया है. जैसे की उनसे उम्मीद थी.
बाकी फिल्म में कल्कि कोच्लिन ने भी एक छोटा सा किरदार निभाया है. जो की अच्छा है. मगर जो इस फिल्म में एक्टिंग डिपार्टमेंट में सबसे ज्यादा प्रकाश डालने योग्य है वो है अनन्या पाण्डेय की अच्छी एक्टिंग.

खूबियाँ-खो गए हम कहाँ फ़िल्म समीक्षा 2023
वहीँ फिल्म में तनय सतम की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है.
फिल्म में संवाद ( डायलॉग ) अच्छे है. आज की जनरेशन की भाषा के अनुसार लिखे गए संवाद अच्छे है.
फिल्म की कहानी, किरदारों की एक्टिंग, फिल्म का निर्देशन फिल्म को एक अच्छी फिल्म बनाने में कामयाब होते है.
फिल्म के निर्देशक ” अर्जुन वरेन सिंह ” की यह फिल्म फिल्म है. और पहली फिल्म से ही उन्होंने एक अच्छी फिल्म बनाकर अपने टैलेंट से हमें अभिभूत कर दिया है.
कमियाँ-खो गए हम कहाँ फ़िल्म समीक्षा 2023
फिल्म में कुछ कमियाँ है. जैसे इस फिल्म में बेहतर इमोशनल दर्शयो की कमी है. कुछ दर्शय बहुत जल्दी में ख़त्म हो जाते है जबकि उनसे उम्मीद थी की वो और थोडा समय लेकर बेहतर दर्शय बनेगे.
फिल्म में म्यूजिक कमजोर है. कोई भी गाना आपकी जुबान पर नही रहता है. मगर फिल्म में गाने उसके वातावरण के साथ मेल खाते है.
ओवरआल फिल्म समीक्षा – खो गए हम कहाँ फ़िल्म समीक्षा 2023
तो अगर सारांश में कहा जाए तो ” Kho gaye hum kahan ” एक अच्छी फिल्म है. जो आज की इन्टरनेट की दुनिया के पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को दिखाती है. आज की युवा पीढ़ी के अकेलेपन को दिखाती है. जो हमें सोशल मीडिया पर दिखता है वो काफी हद तक वास्तविक नही होता . इन्टरनेट की झूटी दुनिया का यह सच ” खो गए हम कहाँ ” अपनी कहानी के द्वारा हमें बताती है.
Netflix के साल 2023 की आखिरी फिल्म ” खो गए हम कहाँ ” एक बार तो जरुर देखी जानी चाहिए. खासकर आज की युवा पीढ़ी को तो जरुर ही देखनी चाहिए यह फिल्म.