Kohrra एक मर्डर मिस्ट्री नेट्फ्लिक्स की सीरीज है. जिसको निर्देशित किया है रणदीप झा . रणदीप झा ने इससे पहले Netflix की एक और शानदार सीरीज ” Trial By Fire ” बनाई है.
Kohrra एक मर्डर मिस्ट्री होने के साथ Human Behaviour को बड़े ही संजीदा तरीके से बतलाती है. अमेज़न प्राइम पर आई मशहूर वेबसीरीज ” पाताललोक ” को लिखने वाले लेखर ” सुदीप शर्मा ” ने इस सीरीज को लिखा है. और उनकी लिखाई की कमाल की बात यह है की वो कहानी को सिर्फ ब्लैक एंड वाइट बनाने से ज्यादा उसे ऐसे ग्रे शेड में उतारते है जहां लोगो के व्यक्तित्व के अलग अलग रूप देखने को मिलते है.
कोह्र्रा एक कमाल की इंटेंस वेबसीरीज है. जो सच के उन चेहरों को दिखाती है जिनके सच होने में हमें संशय होने लगता है.
कुछ लोग कह रहे है की सीरीज की गति धीमी है. कुछ इसकी तारीफ कर रहे है. तो इन सब सवालों के जवाब आइये दोस्तों मैं इस ब्लॉग आर्टिकल में बताता हूँ की क्या कोह्र्रा साल की सबसे बेस्ट भारतीय वेबसीरीज होने का तमगा रखती है या नही.
Kohrra netflix Series Review in Hindi
कहानी
Kohrra सीरीज की कहानी पॉल नाम के NRI की हत्या के केस को सुलझा रहे दो पुलिस ऑफिसर, बलबीर सिंह और अमरपाल गुरुन्दी, के इर्द गिर्द, साथ ही इस केस से जुड़े लोगो के बारे में है. कहानी होने को एक मर्डर मिस्ट्री है. मगर साथ ही सीरीज में बलबीर सिंह और अमरपाल गुरुन्दी के व्यक्तिगत जीवन पर भी प्रभावी तरीके से प्रकाश डाला गया है.
सुदीप शर्मा साधारण सी कहानी को उसके काम्प्लेक्स किरदार और उनकी अलग अलग काम्प्लेक्स मंशाओं को बड़े ही जानदार तरीके से दिखाते है. उनकी कहानी यथार्थ से जुडी हुई होती है. सच्चाई के करीब. मगर सुदीप शर्मा हमारे आस पास की उस सोसाइटी को अपनी कहानी में दिखाते है जिसमे हम कभी शामिल नही होना चाहेंगे.
कोह्र्रा सीरीज की कहानी एक साधारण मर्डर मिस्ट्री जरुर है मगर उस साधारण से Conclusion तक पहुचने के दौरान कहानी कई जटिल रिश्तो, मुद्दों और किरदारों की कहानी बतला जाता है. जैसे सुदीप शर्मा की पिछली लेखनी ” पाताललोक ” के साथ हुआ था.
सुदीप शर्मा ने कोह्र्रा की कहानी गुंजित और दिग्गी सिसोदिया के साथ मिलकर लिखी है.
स्क्रीनप्ले
कुछ लोगो को शायद यह सीरीज उतनी पसंद ना आये. क्योकि इसका स्क्रीनप्ले मतलब की इस सीरीज की गति धीमी है. मगर जो अच्छा सिनेमा देखते है. जो बेहतरीन सिनेमा की समझ रखते है तो शायद उनको पता होगा की सिनेमा की विधा में गति का कोई ख़ास मोल नही होता. तब ही तो हर साल Cannes फिल्म फेस्टिवल में कई सारी ऐसी फिल्मे दिखाई जाती है जो गति में भले ही धीमी हो मगर उनकी कला शेली इतनी मजबूत होती है की जो बात वो दर्शको तक पहुचाना चाह रही है वो बड़े प्रभावी तरीके से पहुँच जाती है.
Kohraa भी गति में स्लो होने के बावजूद अपनी कहानी बड़े ही मजबूत तरीके से बयान कर पाती है.
एक्टिंग
कोह्र्रा नेट्फ्लिक्स सीरीज जैसा सिनेमा हमें बेहतरीन कहानी के साथ साथ कलाकारों की बेहतरीन एक्टिंग भी प्रस्तुत करता है. कोह्र्रा में कई सारे एक्टर्स की बहुत ही गजब की एक्टिंग देखने को मिलती है.
जैसे की बरुन सोबती. जिसे हमने इससे पहले असुर सीरीज में देखा है. असुर में उनके काम की तारीफ हुई थी क्योकि असुर में उन्होंने अच्छा काम किया था. मगर कोहरा में उन्होंने अपनी सामान्य एक्टिंग से अलग किरदार चुना है. अमरपाल बरुंडी पंजाब पुलिस में Assistant Sub Inspector है. अपने भैया और भाभी के साथ रहता है. बदतमीज़ है. इन्हुमन है. केस को सुलझाने के लिए चाहे कोई तरीका अपनाना हो, अपनाता है. मगर शादी करके अपने जीवन को सेटल भी करना चाहता है. शायद पुलिस की नौकरी करते करते वो इतना इन्हुमन हो गया जितना की वो है नही.
बरुन सोबती ने बुरुंडी के किरदार को अपने सबसे सर्वोत्तम तरीके से निभाया है. पूरी सीरीज पंजाबी में है और उनके चलने का तरीका, बात करने का तरीका एक दम सटीक बैठाया है. यह एक Unexpexcted मोड़ था. बरुन सोबती ने अपने सामान्य चाल से हटकर कुछ बेहतरीन करने की कोशिश की और वो इसमें सफल भी हुए है.
Milestone और Cat जैसी बेहतरीन सीरीज/फिल्म में अपने अभिनय का जबरदस्त उदाहरन पेश कर चुके सुविंदर विक्की को देखकर लगता ही नही की वो एक्टिंग कर रहे है. ऐसा लगता है जैसे किसी पंजाब पुलिस के Sub Inspector, जो की कम बोलता है, शायद वो अपनी उम्र के उस स्थान पर है जहां वो बहुत कुछ देख चुका है. और वो लोगो से और दुनिया से तंग आ चुका है. जो एक समय अपनी पत्नी पर हिंसा करता था और आज उसे उसके बुरे कर्मो का दुख है, की सच्ची कहानी हम स्क्रीन पर घटते देख रहे है.
इन दोनों के अलावा भी सीरीज भी कई और बेहतरीन कलाकार है. जैसे वरुण बडोला, मनीष चौधरी और अमनिंदर पल सिंह ने भी इस सीरीज में अपनी एक्टिंग से किरदारों में जान डाल दी.
तो देखा जाए तो Kohrra फिल्म हमें बेहतरीन एक्टिंग के कुछ बड़े ही बेहतरीन नमूने पेश करती है.
ओवरआल रिव्यु – Kohrra
Kohrra एक इंटेंस मर्डर मिस्ट्री है. यह पंजाब के ड्रग एडिक्शन प्रॉब्लम पर प्रकाश डालती है. यह कुछ ऐसे रिश्तो को दिखाती है जो समाज में होते है मगर लोग उन पर बात करने से परहेज करते है. कोहरा सिनेमा विधा का वो उदाहरन है जिसमे एक साधारण सी कहानी को किस तरह काम्प्लेक्स किरदारों और परिस्थितियो के माध्यम से दमदार तरीके से बनाया जा सकता है.
कोहरा को समय देने की जरुर पड़ती है. किरदारों के जीवन में उतरने का मौका यह सीरीज देती है. पंजाब के काले सच को बड़े ही प्रभावशाली तरके से बतलाती है. यह एक बेहतरीन सिनेमा है जो आपको धेर्य रखने के लिए कहती है. सब्र करने को कहती है. क्योकि सब्र का फल मीठा होता है.
मैं तो आपको कोहरा देखने के लिए जरुर Suggest करूँगा. क्योकि ऐसे बेहतरीन सिनेमा को देखा जाना चाहिए.