OTT भारतीय सिनेमा के लिए एक वरदान है. अगर यह ओटीटी प्लेटफॉर्म्स नही होते तो कई सारी ऐसी फिल्मे और वेबसीरीज हम शायद देख नही पाते. जिनको लोगो को दिखाना और देखना जरुरी था. कहते है सिनेमा समाज का आइना होता है. मगर कई बार सिनेमा समाज का वो छुपा हुआ चेहरा भी सामने ला देता है जिससे हम लोग अनजान रहते है.
और नेट्फ्लिक्स पर एक ऐसी फिल्म उपलब्ध है जो भारत में SEX नामक टेबू पर खुलकर बात करती है. जिसका नाम है Lust Stories.
पता नही क्यों हमारे देश में सेक्स पर बात करना गलत माना जाता है. और फिर भी हम जनसँख्या के मामले में चाइना को पीछे छोड़ चुके है.
Chod चुकने से याद आया की जब हम अपने बड़ो से पूछते थे की हम कैसे पैदा हुए. तो वो परियो वरीयो की कुछ कहानी बताते थे की फलाना परी आई और हमें अपनी माँ की गोद में छोड़कर चली गयी. काफी समय तक हमें यह भ्रम रहा मगर शुक्रिया मेरे उन दोस्तों का जिन्होंने हमें यह समाज का काला सच बताया.
एक ओर हमारे समाज के बड़े जो झूटी फैरी टेल्स सुनाकर हमें अँधेरे में रखकर जनसख्याँ बढाते रहे और एक ये नेट्फ्लिक्स वाले है जो सेक्स को ही मुख्य विषय बनाकर सेक्स के बारे में खुलकर बात करते हुए हमें सेक्स से सम्बंधित कहानियां बता रहे है. मगर मस्तराम या गंदी बात की तरह चीप हुए बिना.
हाल ही में NETFLIX पर आई LUST STORIES 2 फिल्म बॉलीवुड के चार बड़े निर्देशकों द्वारा बनाई गयी चार शोर्ट स्टोरीज का एकीकरण है. इन चार कहानियो का मुख्य विषय है सेक्स. मगर सेक्स जैसे विषय पर बात करती हुई ये कहानिया समाज में व्याप्त और भी परेशानियों, कुरूतियों को बताती है. तो दोस्तों आइये जानते है की लस्ट स्टोरीज 2 कैसी फिल्म है.
Lust Stories 2 Review in hindi
आर.बाल्की की फिल्म
R. balki की फिल्म पर बात करने से पहले मैं आपको इस फिल्म निर्देशक के बारे में बता देता हूँ. आर.बाल्की बॉलीवुड सिनेमा के मशहूर फिल्म निर्देशक है जिन्होंने इससे पहले Paa, चीनी कम, Ki & Ka, Chup और PadMan जैसी फिल्मे बना चुके है. और पहले भी वो अपनी फिल्मो में ऐसे टॉपिक्स पर बात कर चुके है जिनके बारे में समाज में बात करने से पहले थोड़ा सोचा जाता है.
Lust Stories 2 फिल्म की पहली कहानी है वेदा ( मृणाल ठाकुर ) और अर्जुन ( अंगद बेदी ) की. जो जल्द ही अर्रेंज मैरिज करने जा रहे है. दोनों के परिवार को लगता है की उन दोनों के सारे गुण मिलते है और उन दोनों की शादी होनी चाहिए. मगर वेदा की दादी ( नीना गुप्ता ) यह शादी होने से पहले चाहती है की दोनों शादी का सबसे बड़ा गुण शादी से पहले मिला ले. और वो है सेक्स.
दादी चाहती है की पति-पत्नी के बीच सबसे जरुरी है सेक्स संतुष्टि. और जब दादी यह बात खुलकर सबके सामने रख देती है तो दोनों के परिवार नाराज हो जाते है, थोड़े से बिदक जाते है. जैसे हमारा समाज भी हडबडा जाता है जब कहीं खुले में सेक्स की बात हो जाती है तो.
आर.बल्कि पहले भी अपनी फिल्मो में सेक्स पर खुलकर बात करते रहे है. उनकी यह फिल्म हस्ते खेलते सेक्स पर खुलकर बात करती है. यह सेक्स के प्रति बात करने को कहती है. तो अगर देखा जाए तो यह एक अच्छी फिल्म है. भले ही यह थोड़ी ज्यादा वोग हो जाती है. मगर शायद बाल्की साहब का यही उदेश्य होगा की अगर सेक्स पर बात करने वाली फिल्म बनाऊंगा तो खुलकर सेक्स पर बात होगी उस फिल्म में. और अगर परिवार का सबसे बुजुर्ग ही सेक्स के बारे में बात करते तो और ज्यादा सही होगा.
कोंकणा सेन शर्मा की फिल्म
अगर आप कोंकणा सेन शर्मा को नही जानते तो शायद आपको यह फिल्म उतनी पसंद नही आएगी. क्योकि जब आप ऐसी एक्ट्रेस को ही नही जाते जिन्होंने बॉलीवुड में अलग प्रकार की ” मतलब आर्ट ” फिल्मो में काम करके अपना नाम बनाया है तो शायद आप उनकी बनाई हुई फिल्म के ख़तम होने के बाद सोचेंगे की इस फिल्म में क्या था.
और अगर आप इन्हें जानते हो. तो बेशक आप सिनेमा की उस विधा को भी जानते होंगे जिसमे बहुत कुछ कहे बिना भी बहुत कुछ कह दिया जाता है. अपनी पिछली फिल्म ” Death in Gunj ” की तरह उनकी यह फिल्म भी बहुत सटल है कई जगह.
उनकी फिल्म की कहानी है इशिता और उनकी फुल टाइम नौकरानी सीमा के बारे में. इशिता ( तिलोत्मा शोमे ) जब एक रोज घर पर दोपहर को ही आ जाती है तो वो देखती है की उनकी नौकरानी (अमृता शुभाष) उनके बिस्तर पर अपने पति के साथ सेक्स कर रही है. उसको यह देखकर झटका लगता है. मगर अकेलेपन और सेक्स बिना ज़िन्दगी से झूझ रही इशिता के लिए यह खुद की लस्ट को पूरा करने का साधन बन जाती है.
जहां एक ओर इशिता की मैड सीमा जिसके घर में इतनी जगह नही की वो अपने पति के साथ सेक्स कर सके. वही दूसरी ओर इशिता इतने बड़े घर में अपने अकेलेपन से झूझ रही है. फिल्म में कई जगह गरीब अमीर के बीच की रेखा को बड़े ही सटल तरीके से दिखाया है. चारो फिल्मो में से यह सबसे बेहतरीन फिल्म है मेरे अनुसार.
सुजोय घोष की फिल्म
सुजोय घोष की फिल्म विजय चौहान ( विजय वर्मा ) के बारे में है जो एक रोज अपनी एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर वाली गर्लफ्रेंड से मिलने जा रहा होता है और बीच रास्ते उसका एक्सीडेंट हो जाता है. वो एक गाँव में पहुचता है जहा उसकी मुलाकर शांति ( तमन्ना भाटिया ) से होती है. जो की उसकी पहली पत्नी थी जो कई साल पहले अचानक से गायब हो गयी थी. कई सालो बाद जब ये दोनों फिर से मिलते है तो कई राज खुलते है.
सुजोय घोष जो की इससे पहले कहानी और बदला जैसी सस्पेंस और थ्रिलर मूवी बना चुके है इस फिल्म में भी उन्होंने थ्रिलर वाला पार्ट रखा है.
चारो फिल्मो में से यह सबसे कमजोर फिल्म लगी मुझे. तमन्ना भाटिया की बला की खूबसूरती में भटक नही जाने का घमंड है मुझे. नही तो मैं इसे सबसे बेहतरीन फिल्म बताता. कारण इस फिल्म की कहानी थोड़ी कमजोर लगी.
अमेज़न प्राइम पर हाल ही में आई सोनाक्षी सिन्हा और विजय वर्मा की वेबसीरीज ” दहाड़ ” का रिव्यु भी आप पढ़ सकते है – Dahaad Web Series Review
अमित शर्मा की फिल्म
चारो फिल्मो में से सबसे डार्क फिल्म अमित शर्मा की ही है. अमित शर्मा वही फिल्म निर्देशक है जिन्होंने इससे पहले ” बधाई हो ” जैसे बेहतरीन फिल्म बनाई है. उनकी इस फिल्म में पति द्वारा पत्नी पर बिस्तर में हिंसा करना, जातिवाद, जैसे विषय को बड़े ही बेहतरीन तरीके से दिखाया है. फिल्म का अंत बहुत ही बेहतरीन है. इस फिल्म में मुख्य भूमिका में है काजोल और कुमुद मिश्रा. और मुझे घमंड है कुमुद मिश्रा साहब से एक बार मुलाकात का.
तो Overall लस्ट स्टोरीज 2 की बात की जाए तो चारो शोर्ट फिल्मे अच्छी है. मगर कोंकण सेन और अमित शर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म बेहतरीन है. साल 2018 में आई लस्ट स्टोरीज से ज्यादा प्रभावी तो नही है मगर एक बार देखने लायक तो जरुर ही है.