Pathaan Review in Hindi : शाहरुख़ खान ने pathaan फिल्म से 4 साल बाद कमबैक किया. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया. इससे पहले उनकी कई फिल्में फ्लॉप रही. मगर इस फिल्म ने शाहरुख़ खान का खोया हुआ फेम वापस ला दिया. मगर पठान एक औसत फिल्म होने के बावजूद इतनी बड़ी सुपरहिट फिल्म बन गयी. इसके पीछे क्या कारण था ?
पठान फिल्म के निर्देशक है सिद्धार्थ आनंद. जिन्होंने इससे पहले वॉर( WAR) फिल्म बनाई थी. पठान फिल्म से शाहरुख़ खान 4 साल बाद सिनेमा के परदे पर वापसी कर रहे है. तो बेशक फिल्म से उम्मीदे होना लाज़मी है. तो क्या पठान उम्मीदों पर खरी उतरती है या नजरो से उतर जाती है. जानिए Pathaan ( 2023 ) कैसी है इस हिंदी रिव्यु में.
Pathaan Review in Hindi
कहानी
पठान फिल्म पूर्णतया शाहरुख़ की फिल्म है. जिसमे शाहरुख़ पहली बार पूर्ण रूप से एक एक्शन हीरो के किरदार में दिखे है. इसमें वो एक रॉ ( RAW) एजेंट के किरदार में है.और उसका मिशन है जिम को रोकना. जिम भी एक समय रॉ का एजेंट हुआ करता था.मगर किन्ही कारणों से अब वो भारत देश के खिलाफ काम रहा है.
सारांश में यह pathaan फिल्म की कहानी है जिसे लिखा है सिद्धार्थ आनंद ने ही .जो इस फिल्म के निर्देशक भी है. कहानी घिसी पिटी है. पुराने फोर्मुले पर चलती है. पर इस फिल्म को जिस तरीके से बनाया गया है.वो इस फिल्म की कहानी को बूस्ट करने में मदद करता है. तो एक तरफ इस कहानी के लिए सिद्धार्थ आनंद की आलोचना होनी चाहिए .वही दूसरी तरफ उनकी तारीफ भी होनी चाहिए उनके निर्देशन के लिए.
तो पठान एक पुरानी तरह की कहानी पर चलती है. जिसमे एक विलन है जो दुनिया तबाह करना चाहता है. एक हीरो है जो उस विलन को मार गिराना चाहता है. कहानी भले ही औसत है. मगर इसका स्क्रीनप्ले फिल्म को लगातार इंटरेस्टिंग बनाये रखता है. काफी हद तक फिल्म के पहले पार्ट में हमें कुछ ट्विस्ट और टर्न मिलते है की आपकी जिज्ञासा जाग उठती है की आगे क्या होगा. और इसी कारण पठान एक औसत कहानी मगर इंटरेस्टिंग स्क्रीनप्ले के साथ इंटरेस्टिंग फिल्म बन जाती है.
एक्टिंग
फिल्म में अभिनेताओ की अच्छी अदाकारी है. क्योकि अक्सर जॉन अब्राहम ( John Abraham ) से कोई ख़ास अदाकारी की उम्मीद नही की जाती. मगर इस फिल्म में उम्मीद के परे जॉन ने जिम के किरदार में जान डाल दी. जॉन अब्राहम की तारीफ के साथ साथ फिल्म की लेखनी की भी तारीफ होनी चाहिए जिम के किरदार की लिखाई के लिए. क्योकि जिम भले ही फिल्म में नेगेटिव किरदार में है पर फिर भी वो कई बार पठान पर भारी पड़ता है. उसकी चाले पठान को मात देती है. उसका BGM भी शायद एक हद तक पठान के BGM से शानदार है. उसका स्क्रीन पर पहली बार आना भी पठान से ज्यादा खतरनाक है , उसके डायलॉग भी धांसू है.
और शाहरुख़ खान की अदाकारी की बात करे तो वो हमेशा की तरह सुपर लगे है. SRK नाम ही काफी है. शाहरुख़ की एक्टिंग के अवाला, इसीलिए भी तारीफ होनी चाहिए की उन्होंने जिम के किरदार को वेसे ही रहने दिया जैसा शायद वो पहली बार उनके सामने परोसा गया होगा. क्योकि फिल्म में काफी जगह जिम का किरदार पठान पर भारी पड़ता है.जैसा की मैंने ऊपर बताया. और बॉलीवुड में अक्सर देखा जाता है की बॉलीवुड के सुपरस्टार्स इस तरह के किरदार करने से हीचकिचाते है जो विलन से बार बार मार खा रहा हो.
शायद यही खासियत पठान फिल्म को थोडा वजनदार बनाती है की उसका मुख्य किरदार विलन से कई बातो में कमजोर है.मगर फिर भी वो बार बार हारने के बाद गिरने के बाद उठ खड़ा होता है. और इसी कारण इस फिल्म में शाहरुख खान के साथ साथ जॉन अब्राहम की शानदार एक्टिंग देखने को मिलती है.
साथ ही रुबीना के किरदार में दीपिका ने अपने टैलेंट के अनुसार अच्छा अभिनय और अच्छा एक्शन किया है. साथ ही डिंपल कपाडिया और आशुतोष राणा की अदाकारी पर संदेह नही किया जा सकता.
बैकग्राउंड म्यूजिक, VFX और अन्य तकनीकी बातें
फिल्म में बैकग्राउंड म्यूजिक जबरदस्त है. शाहरुख़ खान की एंट्री के समय बजता म्यूजिक हो या जॉन अब्राहम जब पहली बार स्क्रीन पर आता है तब बजता बैकग्राउंड म्यूजिक हो. फिल्म में अलग जान भर देता है.
फिल्म में सिर्फ दो गाने है. एक जो फिल्म के मध्य में है बेशरम रंग. और दूसरा फिल्म के एंड क्रेडिट्स में झूमे जो पठान. तो देखा जाए तो फिल्म में यह निर्णय करना की बेवजह का कोई गाना नहीं रखा जाएगा वो निर्णय तारीफ के लायक है. क्योकि कई बार फिल्म में बिना जरुरत के गाने डाल दिए जाते है जो कहानी की गति को कम करते है. मगर यहाँ सिर्फ एक गाना फिल्म के मध्य में आता है. जो अखरता नहीं है.
फिल्म में अच्छे डायलॉग है. जो की अब्बास टायरवाला ने लिखे है. जो टायर नही बेचते. जॉन अब्राहम का डायलॉग ” हंटर द Haunted ” मेरा सबसे पसंदीदा डायलॉग है.
सिनेमेटोग्राफी ठीक है. VFX कहीं कहीं कमजोर लगते है. जिस कारण कुछ एक्शन सीन्स आपको बोरिंग लगने लगते है.
कमियाँ
दरअसल फिल्म के ट्रेलर और सिद्धार्थ आनंद की पिछली फिल्मो को देखते हुए फिल्म से कोई बहुत ज्यादा और परफेक्ट होने की उम्मीद नही थी. उम्मीद थी तो सिर्फ इतनी की यह फिल्म उबाऊ नही होनी चाहिए. और यह उबाऊ नही होती. इसमें शानदार एक्शन है . मगर कहीं कहीं बहुत ज्यादा हो जाते है. जहाँ एक चोरी करनी होती है वहा प्लेन ले आते है. और लॉजिक की बात तो होनी ही नही चाहिए. लॉजिक बीच में आ जाए तो यह फिल्म अपने आप में एक कॉमेडी रोस्ट मूवी हो सकती है.
फिल्म में दिमाग नही लगाओ तो फिल्म अच्छी लगती है. मगर इंसान होने के नाते मेरा दिमाग मेरे शाहरुख खान के फैन होने के आड़े आ जाता है. और जब भी फिल्म में कुछ हो रहा होता है मुख्य रूप से कोई एक्शन सीन मेरा दिमाग चिल्लाने लगता है ” अबे खालू यह किया हो रिया है ” लगता है लॉजिक गया जैसे गधे की भाड़ में.
फिल्म में एक्शन के नाम पर कुछ भी हो रहा है. फिल्म की कहानी घिसीपिटी है. कहीं भी किसी भी देश, किसी के भी घर में घुस जा रहे है और सब तहस नहस कर रहे है. साथ ही फिल्म में कई जगह vfx बहुत खराब है.
ओवरआल रिव्यु – Pathaan Review in Hindi
बाकी फिल्म में कई और तारीफ लायक बाते है जैसे की सभी अभिनेताओ की अदाकारी.और फिल्म की कहानी में गढ़े गये किरदार.
फिल्म की गति तेज है. कहीं भी बोर नही होने देती. और जब लगता है की फिल्म स्लो हो रही है तभी एक्शन सीन आ जाता है.
फिल्म आप को अंत में निराश नही करती. पठान एक औसत फिल्म होने के बावजूद इसलिए तगड़ी हिट रही क्योकि दर्शक यह फिल्म पठान के लिए नही शाहरुख़ खान के लिए देखने गए थे. क्योकि आप ही थे जिन्होंने शाहरुख़ को सरसों के खेत में अपनी दुल्हनिया के साथ गाना गाते देखा था. क्योकि आप थी जिन्होंने ने कबीर महिला हॉकी टीम के कोच में शाहरुख़ को सराहा.और जिस तरह कबीर कई सालो बाद अपने घर को लौटता है शायद उसी तरह शाहरुख़ खान को भी पिछली कई विफलताओ के बाद इस जीत के लिए अपने घर मतलब अपने स्टारडम में आने का एहसास हुआ होगा. उनको एहसास हुआ होगा की शाहरुख़ तुम ऐसे फिल्मे बनाते रहो लोग तुम्हारे साथ है. लोग तुम्हे आज भी उतना ही प्यार करते है जितना पहले करते थे.
WE love You shahrukh khan.