Phone Bhooth शायद एक बेहतरीन कॉमेडी फिल्म हो सकती थी. जिस तरह गुरमीत सिंह की पिछली फिल्म ” फुकरे “ के शानदार कॉमेडी फिल्म बनकर सुपरहिट हुई उसी तरह यह फिल्म भी अपनी लाइन में एक शानदार फिल्म हो सकती थी. मगर कुछ बेहतरीन कॉमेडी सीन्स और लीड एक्टर्स की एक्टिंग के अलावा फिल्म में बहुत सारी छोटी छोटी कमियाँ रह गयी जो इसे एक औसत फिल्म बनाते है.
तो आइये जानते है क्या ख़ासियत और क्या बुराइयां है Phone Bhooth (2022 ) film Review में.
Phone Booth 2022 film Review
कहानी
सबसे पहले बात करते है इस फिल्म की कहानी की. गुल्लू और मेजर नाम के दो युवा मित्र है. दोनों भूतो की दुनिया में इंटरेस्ट रखते है. वो खुद को भूत भगाने वाले मानते है. मगर उनसे एक मक्खी तक नहीं भागती. फिर कहानी में एंट्री होती है katrina kaif की जिन्होंने फिल्म में रागिनी नाम की भूत का किरदार निभाया है. जो की गुल्लू और मेजर की भूतो को भगाने में मदद करना चाहती है. इसके पीछे रागिनी की क्या मंशा है वो फिल्म को पूरा देखकर ही पता चलता है.
गुल्लू , मेजर और रागिनी अपने भूतो को भगाने वाले काम में सफल हो ही रहे होते है की एंट्री होती है आत्माराम ( जेकी श्राफ ) की. जो की भटकती आत्माओं को आज़ाद करवाने के नाम पर उनसे गलत काम करवाता है और उनको कैद कर लेता है.
फिर क्या बस कहानी जैसे जैसे आगे बढती है तीनो भूतो को भगाने वालो और आत्माराम के बीच धमासान शुरु होता है.
फ़ोन भूत फिल्म की कहानी लिखी है ” रवि शंकरन ” और ” जसविंदर सिंह भट्ट ” ने. फिल्म का स्क्रीनप्ले भले ही कुछ मीम्स और पॉप कल्चर वाले जोक्स के द्वारा संभल जाता है, मगर कहानी अतं तक आते आते ढीली पड़ने लगती है. फिल्म में कॉमेडी सीन्स पर इतना ज्यादा ध्यान दे दिया की फिल्म की कहानी कहीं पीछे छूट जाती है. कहानी सिंपल है,कोई ज्यादा उतार छडाव नही है.
अगर इसकी कहानी पर थोडा और ज्यादा काम किया जाता तो बेशक यह इस फिल्म के निर्देशक की पिछली फिल्म ” फुकरे ” की तरह सुपरहिट हुई होती.
फिल्म की ख़ासियत
फिल्म में ईशान खट्टर और सिद्धांत चतुर्वेदी ने मुख्य किरदार निभाया है.फिल्म कॉमेडी है SO दोनों का किरदार कॉमेडी से भरपूर है. दोनों को देखकर ” अंदाज़ अपना अपना ” फिल्म वाले आमिर और सलमान के किरदारों की याद आती है. इनके अलावा फिल्म में katrina kaif है जिनकी एक्टिंग ठीक ठाक है. और जहाँ गानों में डांस का चांस आता है, katrina वहाँ अपना सौ परसेंट देती है.
फिल्म में बहुत सारे मीम्स को जोक्स की तरह इस्तेमाल किया है. कई सारी फिल्मो का रेफरेंस है जैसे एक जगह जब जेकी श्राफ फिल्म में उनकी पहली फिल्म हीरो में बजी बांसुरी की धुन बजाता है तो हीरो फिल्म का रेफरेंस मिलता है. इसके अलावा कटरीना कैफ के स्लाइस वाले विज्ञापन का भी इसमें रेफरेंस है. जो की शायद कहीं कहीं अच्छे लगते है और कहीं कहीं ओवर हो जाते है. मगर ये ही जोक्स और कॉमेडी सीन्स फिल्म को संभालने का काम करते है.
फिल्म में कमियाँ
जैसा की हमने ऊपर बात की . फिल्म की कहानी कमजोर है. फिल्म का क्लाइमेक्स ढीला है. बैकग्राउंड म्यूजिक औसत है. गाने कुछ ख़ास नही. सिनेमेटोग्राफी औसत है. फिल्म में हॉरर और इमोशनल पार्ट्स कम है.सिवाय फिल्म में कुछ एक कॉमेडी सीन्स, कुछ एक जोक्स के अलावा फिल्म में कुछ ऐसा ख़ास नही है इसे औसत फिल्म से ज्यादा बनाये.
फिल्म खत्म होने के बाद लगता है जैसे कोई कॉमेडी गिग देखा हो, या कोई बच्चो का सीरियल देखा हो. बेशक फिल्म एक बार तो देखी ही जा सकती है, मगर फिल्म की कहानी पर थोडा ध्यान दिया जाता तो यह एक अच्छी फिल्म बन सकती थी.
तो सारांश यह निकलता है की चाहे आप फिल्म में कितना पैसा लगाओ, कितने जोक्स डालो,गाने डालो मगर जब फिल्म की कहानी में दम नही होगा तब तक फिल्म शायद अच्छी नही हो सकती .
वैसे amazon prime पर शाहरुख़ खान की इस साल की सुपरहिट फिल्म ” pathaan” आ चुकी है वो आप वहां देख सकते हो . और उसका रिव्यु यहाँ पढ़ सकते है .
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