प्रेमालू फिल्म समीक्षा : मेरे लिए मलयालम सिनेमा का मतलब है हल्की फुल्की रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों का एक खूबसूरत सा बकेट.जिसमे हृदयम, कुम्बुलेंगी नाइट्स, प्रेमम जैसी फिल्मे है. और हाँ, साथ ही मिंनल मुरली जैसी एक्शन कॉमेडी फ़िल्म भी. वैसे भी पिछले कुछ समय से मलयालम सिनेमा, जिसे सिनेमा की भाषा में मोलीवुड ( Mollywood ) कहा जाता है, अपनी छोटी मगर बेहतरीन कंटेंट की फिल्मो के कारण सुर्खियाँ बटोर रहा है. जैसे पिछले साल आई मलयालम हॉरर कॉमेडी फिल्म रोमांचम.
इसी सुर्खियाँ बटोरने की लाइन में इस साल प्रेमालू ( Premalu ) नाम की फिल्म रिलीज़ हुई थी. जो देखी मैंने अभी हाल ही में जब यह ओटीटी प्लेटफार्म हॉटस्टार ( Hotstar ) पर आई. और इस फिल्म को देखकर जब मैं उठा तो मेरे चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान थी. जेहन में एक सुकून था. ना जाने क्यों प्रेमालू भी मोलीवुड की अन्य रोमांटिक कॉमेडी फिल्मो की तरह खूबसूरत एहसास दे गयी.
तो आइये जानते है ऐसा क्या ख़ास है इस छोटे बजट की फिल्म में जो मुझे इतनी पसंद आई.
प्रेमालू फिल्म समीक्षा
साधारण कहानी मगर मजेदार स्क्रीनप्ले
तो दोस्तों Premalu Movie एक छोटे बजट की फिल्म है. जिसकी कहानी साधारण सी है. प्रेमालू एक ऐसे लड़के की कहानी है जिसने जीवन में कुछ ख़ास नहीं फोड़ा है. दोस्तों बिलकुल अपनी तरह. जिसने जैसे तैसे करके ग्रेजुएशन तो कर लिया. मगर जैसा की समाज मानता है की ग्रेजुएशन के बाद लोग परिपकव ( Mature ) हो जाते है, सचिन अभी भी कॉलेज के सचिन जैसा ही है. जिसने भविष्य की कोई ख़ास प्लानिंग नहीं कर रखी. सिवाय के UK जाने की.
मगर उसके जीवन में जैसे पैसे की कमी है, उसी तरह उसके जीवन में लड़की की भी कमी है. जो सिंगल था, है, और …..( वो आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा ). एक भटका हुआ लड़का भटकते भटकते जा पहुचता है हेदराबाद. वहाँ उसकी मुलाकात होती है रिनू से. रिनू सचिन से बिलकुल अलग है. वो हेदराबाद की बड़ी कंपनी में जॉब कर रही है. जिसने अगले दस सालो का प्लान बना रखा है. जिसे अपने जीवन साथी को लेकर बहुत उम्मीदे है.
बस कहानी यही है की सचिन रिनू से प्यार करता है ( एक तरफा ). क्या सचिन रिनू से अपने प्यार का इजेहर कर पाता है ? क्या रिनू सचिन को मिल जाती है फिल्म के अंत में ? यह भी जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी पड़ेगी.
तो दोस्तों प्रेमालू ( Premalu 2024 ) फिल्म की कहानी साधारण है. मगर इसका स्क्रीनप्ले मजेदार है. यह एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है. तो बेशक इसमें कॉमेडी है. जबरदस्ती की कॉमेडी नहीं है. एक साधारण कॉमेडी. जो हमें हसने पर मजबूर नहीं करती. मगर गुदगुदा जरुर देती है.
रिलेटेबल सचिन, मजेदार किरदार
सचिन प्रेमालू फिल्म का हीरो है ही नहीं. क्योकि प्रेमालू फिल्म हीरो की कहानी है ही नहीं. यह तो एक साधारण से लड़के की कहानी है. उसके बिना पैसे और लड़की के जीवन की कहानी है. उसके बचपने की कहानी है. ना सचिन कॉलेज का टोपर था. ना सचिन कॉलेज के बाद टोपर था. न उसकी अच्छी बॉडी है. ना उसके पास पैसा है. ना पैसे को पाने के लिए कोई योजना है. ना गुड लुक्स है. इसी कारण फिल्म को देखते वक़्त सचिन आपको और मुझे भी अपना सा लगता है. ( Sachin bro Us Bhai Us ). आप सचिन के किरदार से काफी रिलेट कर पाते है.
और अगर आप अपने जीवन में सचिन से शायद अलग हो. आपके पास पैसा है, गाडी है, बैंक बैलेंस है तो शायद आप इस फिल्म के किरदार ” आदि ” से रिलेट पाओगे फिर तो. आदि एक इन-सिक्योर किरदार है. जो रिनू के ऑफिस में उसका सीनियर है. जो रिनू से प्यार करता है. और सचिन से नफरत. और इसी कारण आदि प्रेमालू फिल्म का और सचिन के जीवन का नेगेटिव किरदार बन जाता है. जिसे एक्टर श्याम मोहन ने उतने ही शानदार तरीके से निभाया है जैसा वो किरदार लिखा गया है.
साथ ही सचिन का दोस्त अमल का किरदार मिलकर इस फिल्म में कई सारे कॉमेडी के अच्छे दर्शय आपको प्रदान करता है.
मगर हमारे भाई सचिन को तो रिनू से प्यार हो गया है. इसी कारण वो ट्रेन में उसके लिए दवाई लेकर पहुँच जाता है. जो हर समय रिनू की मदद को तैयार रहता है. मगर रिनू जितनी खूबसरत है उसके लिए कोई भी लड़का ऐसा ही करता. जितना खुबसूरत रिनू का किरदार है उतनी ही खूबसूरती से इसे निभाय है ममिथा बैजू नें.
तो देखा जाए तो दोस्तों एक साधारण कहानी पर भी एक अच्छी फिल्म बनाई जा सकती है बशर्ते उसके किरदारों की लिखाई बेहतरीन हो. और प्रेमालू इस डिपार्टमेंट में पूरी तरह सफल होती है.
प्रेमालू फिल्म समीक्षा : परिवार के साथ देखने लायक मजेदार फिल्म
तो दोस्तों मुझे तो प्रेमालू बहुत ही ज्यादा पसंद आई. क्योकि इसे देखने के बाद मन खुशनुमा हो गया. देखते वक़्त कई जगह हंसी आई. सचिन को देखकर लगा की चलो इसका हो सकता है तो मेरे जैसे बन्दे का भी हो सकता है. करीब ढाई घंटे बिताना व्यर्थ नहीं लगा. प्रेमालू फिल्म परिवार के साथ देखी जा सकती है. और मैं तो कहता हूँ इसे परिवार के साथ ही देखना चाहिए. एक हल्की फुल्की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म. मजेदार फिल्म.